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Aug 17, 2018

सफलता की ताकत- फोकस। secret of success : Focus.

इस दुनिया में लगभग हर व्यक्ति अपनी तरक्की चाहता है और उसके लिये मेहनत भी करता है। कभी तरक्की के बढ़िया और  अच्छे रास्ते भी मिल जाते हैं जिस पर कई लोग अपनी मेहनत से सफल भी हो जाते हैं।
पर कई लोग चाहने और मेहनत करने के बावजूद सफल नहीं ह़ो पाते हैं,
मनमाफिक सफलता न मिलने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, पर सबसे बड़ा कारण एक ही है और वो है- फोकस न होना।

ज्यादातर लोगों का फोकस रिजल्ट यानी सफल होने पर मिलने वाले फायदों पर नही होता बल्कि
मेहनत करने के दौरान सामने आने वाली प्रोबलम्स पर हो जाता है और वही पर या तो अटक जाते हैं या,
सफलता के लिये जरुरी मेहनत को देखकर घबरा जाते हैं और मैदान छोड़ देते हैं, या
जितना मेहनत करना जरुरी होता है नहीं कर पाते या
जिन बातों पर सबसे अधिक ध्यान देना होता है, नहीं दे पाते या ,
जो काम सबसे जरूरी हैं उस पर ध्यान ही नहीं दे पाते हैं...

अगर इन सब बातों पर ध्यान दिया जाय तो हर व्यक्ति सफल हो सकता है...
इन सब समस्याओं का एक ही हल है, और वो है फोकस....
जिदंगी में समस्या आयेगी ही, उसको खत्म कर लोगे तो दूसरी आ जायेगी और यही क्रम पूरी जिदंगी चलता रहेगा...
हमें अपना फोकस हमेशा सफलता मिलने पर मिलने वाले फल पर रखना चाहिए, अगर हम ऐसा करने में कामयाब हो जाते हैं ,यकीन मानिये, आपके सामने लाख समस्याएँ आयेँ ,तब भी आप रूकेंगे नहीं, थकेंगे नहीं, मंजिल पाकर ही दम लेंगे और तब दुनिया आपको एक विनर के रूप पहचानेगी....जो आपकी अब तक की पहचान से कहीं बढ़ी पहचान होगी, अतुलनीय मान सम्मान और गौरव की बात होगी, आपके लिये, आपके परिवार के लिये, आपसे जुड़े हर व्यक्ति के लिये.....
अगले अंक में फोकस कैसे बनाये रखें...
आपका शुभचितंक....
रवींद्र भट्ट

Jun 24, 2018

Why Income Inequality is Out of Control?

Income Inequality Out of Control


Income inequality historically leads to populism, nationalism and war. Help us put an end to this vicious cycle. Here is why income inequality is out of control:


 The 8 wealthiest people in the world OWN MORE WEALTH than 50% of the world's population combined, that's 3.75 billion people!!!


 The 1% richest people today have MORE WEALTH than all the other 99% of the planet's population.


 The wealth of the bottom 50% dropped by 41% between 2010 and 2015, whereas the wealth of the richest 62 people increased by $500 billion to $1.76 trillion, which is half of the world's wealth!!!


 1 in 9 people worldwide doesn't have enough to eat and more than 1 billion people live on less than $1.25 a day.


 The average wage of a CEO is 380 times bigger than the average employee wage.


 The United States has the highest income inequality among western industrialized nations and 76% of Americans live paycheck to paycheck. Moreover, the top 0.1% of American households have the same amount of wealth as the bottom 90%.


 America's 4 wealthiest households own as much as the bottom 40% (128 million people!).


 In USA, the share of wealth held by the top 3%rose from 44.8% in 1989 to 51.8% in 2007 and 54.4% in 2013, while the share held by the bottom 90% fell from 33.2% in 1989 to 24.7% in 2013.


 In the past decade, income concentration returned to the levels of the 1920s and presently private capital in the hands of billionaires represents 9% of global GDP compared to 3% 20 years ago.


 In India, the 15 richest people have more wealth than half of the Indian population, that's 650 million people!


 In Japan, the number of families with no savings grew from 5% in the 1980's to 30% in 2016!


 In the UK, 6.5 million households don't have enough savings to last them for 1 month. Did this cause Brexit?


 The annual increase in wealth of the richest 1,000 people in Britain (£28.508 billion) could pay 20 years' worth of grocery bills for all of the UK's users of food banks or it could pay a year's rent for over 3 million households.


 The richest 1% of Brazil's population have the same household income as the bottom 50%, that's almost 80 million Brazilians!


 Russia is one of the most unequal major economies in the world, with 62% of its wealth being held by 127,000 millionaires and 26% by 77 billionaires! This means there's only 12% of the country's wealth left for all the rest of Russians.


 The richest 20% of Romanians earn 8.3 times more than the poorest 20%.


 According to the World Bank, Colombia has the highest income inequality in the world outside of Africa and is only surpassed by 9 African nations.


 In China, more than one-third of all wealth is concentrated in the top 1 percent, while the majority of the population remains struggling despite strong economic growth.


 Almost 60% of the bottom 20% youth population (aged 20–24 years) in sub-Sahara Africahave fewer than 4 years of schooling, whereas in the top 20% youth population only 15% youngsters are in this situation.




Jun 23, 2018

सोशल मीडिया- नया दौर | Power of Social Media


दोस्तों,
बात बहुत महत्वपूर्ण है इसलिये आप इस लेख को ध्यान से पढ़ना और कोशिश करें कि पढ़ते समय किसी प्रकार से आपका ध्यान भटके नहीं, क्योंंकि ऐसा होने पर आपका नुकसान हो सकता है।

आज की मार्डन दुनिया में काम करने और करवाने के तरीकों में बहुत बदलाव आ चुके हैंं और बहुत तेजी से नये नये तरीके आते जा रहे हैं। इतनी तेजी से हर कोई अपने आप को ढाल भी नही पा रहे हैं, जिसका नुकसान स्टुडेंट से लेकर बेरोजगार, नौकरी ,बिजनेस करने वाले सभी को हो रहा है।

स्टडी करने के साथ साथ या बाद में हर किसी का उदेश्य अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिये इनकम कमाना ही होता है, जिसमेंं समय समय  पर बदलाव आते रहते हैं,जो कई बार तनाव का कारण भी बन जाते हैं और इन सब बातों का असर उसकी लाइफ और फैमिली के साथ साथ  काम धंधे पर भी पड़ता है।

नौकरी या बिजनेस करने वाले को अपनी नौकरी या बिजनेस में समय के अनुसार बदलाव भी करने पड़ते  हैंं ,न करने पर  रिस्क और ज्यादा बढ़ सकता है ,जिससे हर कोई बचना चाहता है।

टैक्नोलाजी का लगातार बढ़ता इस्तेमाल ऐसा ही एक बदलाव है। वर्तमान में टैक्लोनाजी की मदद के बिना कोई नौकरी या बिजनेस चलाना लगभग नामुमकिन सा हो गया है। आज जिसके हाथ में इंटरनेट और स्मार्ट फोन है वह रोजाना 2-3 घंटे कुछ न कुछ करता ही रहता है।

कई लोग इस तकनीक का बहुत अच्छे से इस्तेमाल करके अपनी लाइफ को और भी आसान  और फायनेनशियली बेहतर बना रहे हैं,जबकि ज्यादातर लोग जाने अनजाने में इन शानदार मौको को पहचान नहीं पाते हैं।

चाहे फेसबुक हो या  यूट्यूब, इंटरनेट,व्हाट्सऐप या कुछ और सभी में रोजाना हर कोई काफी वक्त लगाते हैं।

आपको जानकर बड़ी हैरत होगी कि इन सभी प्लेटफार्म्स से हर कोई अपनी स्टडी, नौकरी या बिजनेस में तरक्की पा सकता है। बहुत कुछ और भी पा सकता है अगर किसी को इन टैक्नोलाजी का सही जानकारी  और इस्तेमाल करने का तरीका समझ में आ जाय,नहीं तो पुराने तरीकों  से काम करने के नुकसान होते रहेगें और इस तेज दुनिया में हमेशा पीछे ही रह जायेंगे।

सोशल मीडिया आज हर स्मार्ट फोन रखने वाले इंसान की डेली लाइफ का हिस्सा बन गया है, रोजाना 1-3 घंटे इसमें बिताता है ।
सोशल मीडिया में मुख्यतया जो प्लेटफार्म ज्यादातर लोग ईस्तेमाल करते हैं, वे हैं-

व्हाट्सएप,

फेसबुक,

ट्विटर,

लिंक्डइन,

गूगल प्लस।

ज्यादातर लोग रोजाना इनमें से 2 या 3  से या अधिक प्लेटफार्म पर सक्रिय रहते हैं,जिनसे कोई खास फायदा नही होता है बल्कि समय और धन का नुकसान ही होता है ,तनाव का भी कारण बन रहा है जिसका असर धीरे धीरे फैमिली लाइफ पर पड़ना शुरु होने लगता है ।
जो लोग सोशल मीडिया की ताकत को जानते हैं वे इसका फायदा अपने बिजनेस , नौकरी आदि में उठाते हैं।सबसे ज्यादा फायदे तो वो लोग उठाते हैं जो अपनी सोशल मीडिया की गतिविधियों को अलग ढंग से करते हैं जो उनको जमीन आसमान अंतर  जितना बड़ा रिजल्ट देते हैं। जो काम आप हम ऊपर बताये सोशल मीडिया चैनल्स में करते हैं ,ठीक वही काम ये स्मार्ट लोग उन खास सोशल मीडिया चैनल्स पर करते हैं जो उनको बहुत अच्छी  इनकम भी देते हैं एज ए बाई प्रोडक्ट ... 
ऐसे सोशल मीडिया चैनल्स को हम अल्टरनेटिव सोशल मीडिया चैनल्स कह सकते हैं
हो सकता है आपको ऐसे चैनेल्स की जानकारी हो पर शायद आपने उन पर गौर नही किया होगा क्योकिं ऐसी गोल्डन  अपरच्यूनिटी यानी सुनहरे मौके हमेशा किसी काम की शक्ल में होते हैं और अधिकांश लोग काम से बचना चाहते हैं। इसीलिये आपने भी ऐसे मौके को छोड़ दिया हो ।

लेकिन सबसे बड़ी समस्या सचमुच सही अल्टरनेटिव चैनल्स की पहचान करने मे आती है क्योकिं भेड़ की खाल में भेड़िया भी होते हैं। ऐसा हमेशा होता आया है और होता रहेगा।
इसका एक ही उपाय है, वो है हमारी समझदारी, हम कितने पढ़े लिखे,अनुभवी और समझदार हैं इन सबकी परीक्षा ऐसे सही गलत मौको को पहचानने में होती हैं

आम लोग ऐसे अवसरो को शक की नजर से देखते हैं बिना जाच पड़ताल किये और ऐसे शानदार मौको को ऐसे ही टरका देते हैं, जिसका अहसास उनको  काफी वक्त बाद होता है , जबकि समझदार व्यक्ति ऐसे मौको को अवसर यानी अपोरच्यूनिटी के रूप में देखता है और उसको समझने के लिये उसकी जाँच पड़ताल करता है ,अगर ऐसी परीक्षा में वह अवसर सही निकलता है और उसकी  सारी शंकाये दूर हो जाती हैं तो तब उस मौके को हाथ से जाने नहीं देता है,जो समय के साथ उसको हमेशा इस तेज गति से बदलती दुनिया में हमेशा आगे रखता है, उसका काम तेज गति से आगे बढ़ता है।
ऐसे ही लोग सफल होते हैं, लीडर होते हैं, विजेता होते हैं ।तब बाकी लोग उनका ही अनुसरण यानी फोलो करने लगते हैं।
यह हमारी सझदारी पर निर्भर करता है कि हम दूसरों को फोलो करें या लोग हमें फोलो करें।

अगर आप भी ऐसे अल्टरनेटिव चैनल्स का फायदा उठाना चाहते हैं तो मुझे पूछ सकते हैं।

आपका शुभचितंक...

रवींद्र भट्ट

9891773879


May 22, 2018

स्वास्थ्य आपकी बेहतरीन च्वाइस है | Why health is so Important Choice?

हम सभी इंसान  बहुत बड़ी आशाओं, सपनों और हसरतों के मालिक हैं  ,गुजरते समय के साथ साथ हम भी विकसित होते रहते हैं , बीच बीच कुछ न कुछ समस्यायें आकर हमारी प्रगति की गति को कुछ वक्त के लिये रोक भी देती हैं।
अनुभवों और दुनियादारी को देखते हुये इन समस्यायों का अनुमान लगाना कोई मुश्किल काम भी नहीं हैं।
ये समस्याये़ 90% से अधिक हैल्थ या रूपया पैसों से संबंधित होती हैं और दुनिया भर मे करीब 80% लोग इनका सामना जिदंगी भर करते रहते हैं ।

अचरज की बात तो यह है कि इतनी विकराल समस्या की और इसके समाधान के लिये हमारी शिक्षा व्यवस्था में कोई औपचारिक स्थान और योजना नहीं है।
बल्कि इतनी बड़ी बात हमारे विवेक के ऊपर छोड़ दी गई है ।
जबकि होना यह चाहिये था कि प्राथमिक कक्षा से लेकर कम से कम 12वीं कक्षा तक हैल्थ और वित्त संबधी  पूरा एक एक विषय होना चाहिये था ।
हमारी शिक्षा हमें नौकरी करने की सोच पर टिकी हुई है , हमें जिदगी में दुनियादारी और मुश्किलों का सामना करने के कौशल देने में हमारी शिक्षा प्रणाली समर्थ नहीं हो रही है।
इसलिये हमें ही यह जिम्मेदारी उठानी होगी अपने, अपने परिवार की खुशहाली की खातिर, साथ ही साथ यह हमारी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी भी बन जाती है ।
सबसे पहले हमें स्वास्थ्य की मूल बातें पता होनी चाहिये और इसके बारें में अधिक से अधिक जानकारियाँ हासिल करने के साथ अपने अपने घर में दैनिक बातचीत में इनको शामिल करना होगा ।अभी तक हम बीमारियों और दवाईयों को ही  अपनी बातचीत का हिस्सा बनाते आ रहे हैं , हमें अब यह बदलनी होगी बल्कि आरोग्य यानी वैलनेस को बातचीत का विषय बनाना होगा ।

आरोग्य यानी वैलनेस मतलब है बीमार ही न होना और शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ्य  होना ।
हर इसांन यही तो  चाहता है अपने लिये, अपने माँ - बाप, पति या पत्नी , बच्चों, भाई बहिनों आदि सबके लिये।
क्या आप भी ऐसा  ही चाहते हैं?

अगर आप ऐसा ही चाहते हैं तो इंतजार कीजिये अगले अंक का जिसमें स्वस्थ्य जीवन के 4 मूल सिद्धातों के बारें मे बात करूगाँ.

शेष अगले अंक में....

आपके सपरिवार आरोग्य , दीर्घ सुखी - समृद्ध जीवन की शुभकामनाओं के साथ.....

स्वस्थ्य जीवन ही सुखी जीवन है | Health is real wealth

शुभ प्रभात मित्रों🙏🏻

"स्वस्थ्य जीवन ही सुखी जीवन है"

जिस प्रकार स्कूल में हमने हिंदी, अंग्रेजी और गणित का बेसिक ग्यान लिया, इसीलिए हमें अपने जीवन में हिंदी, अंग्रेजी और गणित में समस्या नहीं आती है।
क्या यही बात आप स्वास्थ्य के बारे में कह सकते हैं?‼‼
स्वास्थ्य की पढ़ाई तो होती ही नहीं , इसीलिए स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कई तो समस्या होने पर भी जागरूक नहीं होते,
स्वास्थ्य दो प्रकार का होता है-

* शारीरिक स्वास्थ्य-Physical health.
* मानसिक स्वास्थ्य- Mental health.

दोनों का एक दूसरे पर बहुत गहरा असर होता है 🤝

स्वास्थ्य अच्छा हो सकता है और खराब भी,आपके पास इन दोनों में से एक को चुनने का ही च्वाइस है।
एक साथ दोनो तरह का स्वास्थ्य नही हो सकता है।
खराब स्वास्थ्य के लिये , आपको कुछ अलग नहीं करना है बस जैसा चल रहा है , वैसे ही चलने दो, दुनिया की कोई भी ताकत आपके स्वास्थ्य को खराब होने से रोक नहीं सकेगी 🤔
अगर आप अच्छी सेहत चाहते हैं तो, तब आपको कुछ मेहनत करनी ही होगी!

अच्छा स्वास्थ्य  4 चीजों से बनता है-

1-  संतुलित और पौष्टिक भोजन- Healthy n Balance diet.
2- पर्याप्त शारीरिक व्यायाम-Adequate physical exercise.
3- पर्याप्त आराम- शरीर और दिमाग के लिये -Adequate rest for both body and mind.
4- सकारात्मक सोच -Positive Thinking.

इन चार बातों के आधार पर ही आपका स्वास्थ्य बनता और बिगड़ता है ।
अगले अंको में इन चार बातों के बारे मेंं एक एक करके आप तक जानकारी दूगाँ ।
*स्वास्थ्य का चुनाव आपके हाथों में है*

Mar 8, 2018

सही दिशा में आगे बढ़ना क्यो जरूरी है | Why to move forward in life is so important?


सफल जीवन का मंत्र नंबर 2

"सही दिशा में ही आगे बढ़े"

*दोस्तों हम सभी अपने कार्य क्षेत्र में और जीवन मे सफल होना चाहते हैं, इस बारें में मैने एक लेख - "क्या आपने अपने लक्ष्य बनाये हैं?" पोस्ट किया था, आज उसके आगे की बात करता हूँ।*

*जीवन में आगे बढ़ने के लिये जितना जरूरी लक्ष्य निर्धारित करना है ,उससे अधिक जरूरी बात है सही दिशा में चलना।*

👉🏻जब आप सुबह घर से निकलते हैं तो आपको पता होता है कि आपको कहाँ जाना है और आप वहां पहुँचते हैं ,
*सोचिये अगर आपको यह नहीं पता हो कि आप को कहाँ जाना है तो भला आप क्या करेंगे?*
*इधर उधर भटकने में ही समय व्यर्थ हो जायेगा.*

*इसी तरह इस जीवन में भी यदि आपने अपने लिए लक्ष्य नहीं बनाये हैं तो आपकी* *ज़िन्दगी तो चलती रहेगी पर जब आप बाद में पीछे मुड़ कर देखेंगे* *तो शायद आपको* *पछतावा हो कि आपने कुछ खास achieve  नहीं किया!*!

*लक्ष्य व्यक्ति को एक सही दिशा देता है. उसे बताता है कि कौन सा काम उसके लिए जरूरी है और कौन सा नहीं.  यदि goals clear हों तो हम उसके मुताबिक अपने आप को तैयार करते हैं.*

*👉🏻हमारा subconscious mind हमें उसी के अनुसार act करने के लिए प्रेरित करता है.*
*दिमाग में लक्ष्य साफ़ हो तो उसे पाने के रास्ते भी साफ़ नज़र आने लगते हैं और इंसान उसी दिशा में अपने कदम बढा देता है.*

अतः यह बहुत ही जरूरी है कि आप अपने लक्ष्य निर्धारित करने के बाद उन लक्ष्यों को पाने के एकदम सही रास्ते पर चले, नहीं तो असफल होने के अलावा हमारे हाथों से सबसे बेशकीमती समय भी निकल जायेगा ,जो आप  कभी वापस खरीद भी नहीं सकते है...
आपकी सर्वांगीण सफलता की शुभकामनाओं के साथ आपका शुभाकांक्षी...
रवीन्द्र भट्ट

Mar 6, 2018

आपने अपने कैसे लक्ष्य बनाए हैं?| What kind of goals should we make?

यदि  आपसे पूछा जाये कि क्या आपने अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित कर रखे हैं तो आपके सिर्फ दो ही जवाब हो सकते हैं: हाँ या ना .

*अगर जवाब हाँ है तो ये बहुत ही अच्छी बात है क्योंकि ज्यादातर लोग तो बिना किसी निश्चित लक्ष्य के ही ज़िन्दगी बिताये जा रहे हैं और आप उनसे कहीं बेहतर स्थिति में हैं*

पर यदि जवाब ना है तो ये थोड़ी चिंता का विषय है.
थोड़ी इसलिए क्योंकि भले ही अभी आपका कोई लक्ष्य ना हो पर जल्द ही सोच-विचार कर के अपने लिए एक लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं.
*लक्ष्य या Goals  होते क्या हैं?*
*लक्ष्य एक ऐसा कार्य है जिसे हम सिद्ध करने की मंशा रखते हैं* *Goal is a task which we intend to accomplish*.
कुछ examples लेते हैं:
एक  student का लक्ष्य हो सकता है: ” Final Exams  में 80% से ज्यादा marks लाना.”

एक employee लक्ष्य हो सकता है अपनी performance  के basis पे promotion पाने का.

एक house-wife का लक्ष्य हो सकता है :” Home based business कि शुरुआत करना.

एक blogger का लक्ष्य हो सकता है:” अपने ब्लॉग कि page rank शुन्य से तीन तक ले जाना” .
एक समाजसेवी का लक्ष्य हो सकता है:” किसी गाँव के सभी लोगों को साक्षर बनाना” 

इस प्रकार के लक्ष्य केवल एक पक्षीय हैं ,एक पक्षीय का मतलब है कि ये लक्ष्य अपने रोल के अनुसार तय किये जा रहे हैं-एक स्टुडेंट के रूप में, इंप्लोई के रूप में, गृहिणी के रुप में आदि आदि।
पर यहां पर मेरा असली मतलब लक्ष्य किसी रोल के अनुसार निर्धारित करना नहीं है। क्योंकि रोल के अनुसार लक्ष्य अगर आप बनाकर हासिल भी कर सकते हैं पर बहुत सारे बहुत महत्वपूर्ण जीवन के लक्ष्य जो आपको एक बेहतरीन इंसान के रूप में बनायेंगे, वो छूट जायेंगे ।एक बेहतरीन और सफल इंसान बनने का लक्ष्य ही आपके सभी लक्ष्यों का अंतिम लक्ष्य होता है ।
"एक सधे तो सब सधे"
यह लक्ष्य आपके सभी लक्ष्यों को पूरा कर देता है।
*तो आप क्या चाहेंगे? आधी अधूरी सफलता या सर्वांगीण सफलता?*
जीवन एक ही बार मिलता है , इस जीवन में लक्ष्य भी इसी प्रकार के बनाये जाने चाहिए। दुनिया में बहुत लोग अपने रोल के हिसाब से बहुत सफल हुये हैं पर वे अपने जीवन लक्ष्यों को न बना पाने के कारण बाकी चीजों में फेल हुये और भरपूर तरीके से जी नहीं पाये...
केवल एक दो मामलों मे सफलता पाने मात्र से जीवन सफल  तो नहीं माना जा सकता है।
कोई व्यक्ति अनुचित तरीकों से बहुत धन संपत्ति जमाकर लेता है या कोई बिजनेस से धनवान बन जाता है पर स्वास्थ्य का नाश कर लेता है तो ऐसी सफलता क्या सही है।
जीवन में सही और सर्वांगीण विकास के लक्ष्य कुछ ऐसे हो सकते हैं-

*आर्थिक आजादी.*

*समय की आजादी*

*अच्छा स्वास्थ्य*

*बहुत अच्छा बैंक बैलेंस या निवेश*

*सपनों का घर.*

*सपनों की गाड़ी*

*देश- विदेश पर्यटन .*

*मान सम्मान  पाना*

*बच्चों को बेहतरीन शिक्षा दिलाना*

*अपनी हौबी को पूरा करना या अपने बच्चों की हाबी को पूरा करना.*

*समाज सेवा व परोपकार  कार्य करना*

*अपनी इच्छानुसार कोई और नेक काम करना..*

ऐसे की कम या ज्यादा लक्ष्य बनाकर हासिल करना ही एक सफल जीवन माना जा सकता है.
आपका शुभाकांक्षी...
रवीन्द्र भट्ट

Feb 28, 2018

लक्ष्यहीन जीवन , बगैर लक्ष्य की समुद्र में भटकती नाव जैसा है ।what type of Goals Me Should make.

*लक्ष्यहीन जीवन , बगैर लक्ष्य की समुद्र में डोलती भटकती नाव  जैसा है...*

*जीवन में सही लक्ष्य का होना ज़रूरी है सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए*

जब आप सुबह घर से निकलते हैं तो आपको पता होता है कि आपको कहाँ जाना है और आप वहां पहुँचते हैं , सोचिये अगर आपको यह नहीं पता हो कि आप को कहाँ जाना है तो भला आप क्या करेंगे?
इधर उधर भटकने में ही समय व्यर्थ हो जायेगा.
*इसी तरह इस जीवन में भी यदि आपने अपने लिए लक्ष्य नहीं बनाये हैं तो आपकी ज़िन्दगी तो चलती रहेगी पर जब आप बाद में पीछे मुड़ कर देखेंगे तो शायद आपको पछतावा हो कि आपने कुछ खास achieve  नहीं किया!!*

*लक्ष्य व्यक्ति को एक सही दिशा देता है. उसे बताता है कि कौन सा काम उसके लिए जरूरी है और कौन सा नहीं.*

*👉🏻यदि goals clear हों तो हम उसके मुताबिक अपने आप को तैयार करते हैं. हमारा subconscious mind हमें उसी के अनुसार act करने के लिए प्रेरित करता है. दिमाग में लक्ष्य साफ़ हो तो उसे पाने के रास्ते भी साफ़ नज़र आने लगते हैं और इंसान उसी दिशा में अपने कदम बढा देता है.*

*दुनियाभर में सभी सफल लोग इस प्रकार के सपने देखते हैं और इनको पाने का लक्ष्य बनाते हैं। और अपनी बुद्धि,ऊर्जा और जूनून से इन सबको पाने में कामयाब हो जाते हैं , वे एक्स्ट्रा ओर्डिनरी लोग बन जाते हैं और समाज में सफलतम लोगों में गिने जाते हैं, दूसरों के रोल माडल बन जाते हैं।*

👉🏻आप भी इनमें सबको या जितना हो सके , अपना लक्ष्य बनायें और इस एक बार मिलने वाले जीवन को अविस्मरणीय बनाकर जीवन का आनंद लीजिये-

*1- मनपसंद इनकम और धन संपत्ति।यानी आर्थिक आजादी, समृध्दी*।(इसके बगैर हमारी जिंदगी दूसरों के रहमोकरम पर रहने लगती और आर्थिक संकट का कारण यही होता है)

*2- मनपसंद तरीके से समय बिताने की आजादी।*
(हमारा मन तो करता है कुछ और करने के लिये लेकिन  मजबूरी में करते कुछ और हैं, ऐसा क्या किया जाय कि मुझे मनपसंद काम करने के लिये समय की कमी न रहे)

*3- अपना और परिवार में सभी परिजनों का अच्छा स्वास्थ्य।*
(सेहत के बारें हम फिक्रमंद तब होते हैं जब  सेहत खराब हो जाती है, ऐसा क्या किया जाय कि किसी की सेहत  कभी खराब होने की नौबत ही न आये )

*4-  सुरक्षित भविष्य ।*
(क्या भविष्य में भी काम ठीक चलता रहेगा ? क्या तब भी इनकम आ सकेगी अगर काम न हो पाये  या किसी अनहोनी की स्थिति में मुझे या मेरी फैमिली को किसी के आगे हाथ फैलाना पड़े)

*5-  समाज सेवा ।*
( अगर  ज्यादा साधन होते तो मैं और बेहतरीन समाज की सेवा कर सकता, ज्यादा समृद्धी ज्यादा समाज सेवा)

*6-  मान सम्मान*
( क्या मुझे सचमुच में लोग मन से सम्मान देते हैं या अपना काम निकलने के लिये चापलूसी करते हैं?
मेरी आने वाली पीढ़ियाँ, दूसरे लोग, समाज मुझे किस तरह के इंसान के रूप में मुझे याद रखना चाहेंगे?क्या मैं वैसे काम कृ रहा हूँ जिससें मैं मनचाहा मान सम्मान पा सकूँ?)

और भी वह सबकुछ जो आप इसके अलावा पाना चाहते हैं।

*याद रखिये ,आप वही बन जाते हैं जो आप सोचते हैं, आप जो हैं,जैसे हैं उसका 99% कारण आप ही हैं दूसरे केवल कारण केवल 1% ही होते हैं...*

दुनिया में सभी सफल मृत या जीवित व्यक्तियों की कहानी देखिये, सुनिये, आपको यही बात पता लगेगी...

आप अपने मन की बात मुझसे शेयर कर सकते हैं

आपका शुभाकांक्षी..
रवींद्र भट्ट

Feb 20, 2018

सही कैरियर कैसा होता है। what is right career

हर कोई अपने और हर माँ बाप अपने बच्चों के कैरियर के बारे मे सबसे अधिक फिक्रमन्द रहता है।
किसी भी क्षेत्र में कैरियर बनाने से पहले कुछ बुनियादी बातें सभी सोचते हैं पर वाकई कैरियर किसे कहते हैं, इस बारे में सबकी सोच एक जैसी नहीं है।
कैरियर चुनने से पहले कुछ बुनियादी बाते पता होनी चाहिए नहीं तो जीवनभर निराशा और असंतोष का सामना करना पड़ सकता है।
कैरियर का मतलब क्या है?
यानी कैरियर किसे कहते है?

"जो काम आपको सम्मानजनक तरीक़े से अपनी और अपने आश्रितों की सभी बेसिक जरूरतों की पूर्ति करने के साथ साथ आपके स्वास्थ्य को अच्छा रखते हुये आपकी इच्छित आरामदायक सुविधायें दे सके, आपको और आपके आश्रितों को आर्थिक सुरक्षा दे सके और आपके आत्म सम्मान में वृद्धि करे, वह काम ही कैरियर है"

क्योंकि मानव जीवन एक बार ही मिलता है और सुख सुविधाओं से परिपूर्ण अपना और परिवारिक जीवन जीना हर कोई चाहता है।
आमतौर पर किसी भी नौकरी(Job) या साधारण बिजनेस (Self Employment )या पेशे (Profession) से ऐसी सुविधायें नहीं मिलती है ।
समय सबके लिये बराबर ही होता है और हर सुविधाओं के लिये अलग अलग काम करना भी संभव नहीं होता है ,  जबकि मन में यह सबपाने की चाहत तो रहती है । जिसके कारण निराशा, असंतोष और तनाव पैदा होकर बढ़ने लगता है।
इस पैमाने पर वर्तमान में लगभग सभी नौकरियां और बिजनेस खरे नहीं उतरते हैं। अब  कैरियर में सैलरी को ज्यादा अहमियत दी जानी लगी है पर उसके बदले में शारीरिक और मानसिक तनाव भी बहुत बड़ रहा है , संतुलित जीवन जीना मुश्किल लगने लगता और समझौते यानी comromised life जीना शुरु होने लगता है...

लाइफ डेवलेपमेंट प्लानिंग से ही असली सुखी समृद्ध जीना सभंव है।

अगर आप अपना और अपने बच्चों के लिये ऐसा सुख समृद्धि चाहते हैं तो आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं..9891773879.

Feb 18, 2018

बनिये अपने भाग्यविधाता | How to Build Life and Future

*कहो न, यही सच है*‼

*भले ही हम सब सुख संपदा चाहते हैं*
जबकि वास्तविकता में  अनेक लोग हैं जिनके पास -
1- *पर्याप्त धन सम्पति है ,पर समय नहीं है जीवन का आनंद ले ने का*।
2- *पर्याप्त समय है पर धन नहीं  है उस समय का भरपूर आनन्द लेने के लिए।*
3- *धन  है पर स्वास्थ्य नहीं है ।*
4- *न तो धन है न  ही अच्छा स्वास्थ्य  है ।*
⁉⁉⁉⁉⁉⁉⁉⁉

*बहुत ही कम लोगों के पास आर्थिक आजादी , समय की आजादी के साथ अच्छा स्वास्थ्य है । यही लोग ही जीवन का सम्पूर्ण आनन्द ले रहे हैं ।*

बाकी लोग तो आपनी जीविका के लिए ही व्यस्त हैं ।

एक सर्वे के अनुसार 1960में एक मिडिल क्लास फेमिली का महीने का खर्च करीब 100 रूपये में निकल  जाता था , जो बढ़कर 1980 में - 1000 रूपये,2000में 10000  हो गया जबकि बचत की  वेल्यु पहले की तुलना में कम  ही हो गयी है। 
यानी महगांई हर 20 साल में दो गुनी बढ़ती है। इस प्रकार 2020 में हमें करीब 1 लाख प्रति माह चाहिए वो भी 2000 के लाइफ स्टाइल को मेंटेन करने के लिए। *बहुत से लोग अभी ही 1 लाख या इससे ज्यादा की आय कमा रहे हैं , तो उनका जीवन स्तर भी उसी आय के अनुसार ही होगा और बढ़ती महगाई का असर उन पर भी होगा।* उनको अटनी हाई कास्ट लाइफ स्टाइल को बनाये रखने के लिये और भी ज्यादा इनकम की जरूरत है...
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*अगर आप इस बढ़ती महगाई और आर्थिक जरूरतों के अनुसार अभी से तैयार हैं तो आप सही दिशा में चल रहें हैं और अगर नहीं हैं तो जल्दी से जल्दी इस दिशा में कदम उठा लें।*
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*क्या आप निश्चिन्त हैं- कि आपका वर्तमान काम आपको आपकी मनपसंद आय दे सकता है ?*
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तब भी अगर आप किसी कारणवश काम नहीं कर पायें!!!! क्योंकि अगर इनकम आनी बंद भी हो जाय पर खर्चे तो बंद नहीं होंगे..।

*लीगल तरीके की आमदनी के तरीके हैं-*

1- नौकरी  -Job
2- स्वयं का व्यवसाय -Self Employment
3- बिजनेस -Business
4- निवेश -Investment

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*दुनिया में करीब 90% लोग या तो नौकरी या स्वयं का व्यवसाय करते  हैं ।*

*जबकि केवल 10% लोग ही बिजनेस या निवेश से अपनी आमदनी कमाते हैं।*

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*दुनियां की करीब 90% आय केवल 10% लोगों के पास है.*
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*शेष 10 % आमदनी 90 % लोगों के पास ।*
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*जबकि समय सबके लिए एक ही रफ़्तार से चल रहा है । सबसे ज्यादा मेहनती और मेधावी नौकरी और स्वयं का काम करने वाले हैं ।ये 90 % लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष  रूप से 10% लोगों के लिए काम करते हैं ।*

*इन दोनों प्रकार के लोगों के काम करने के तरीकों को समझने से इसका कारण समझ में आता है-*

नौकरी या अपना काम करने वाले समूह को A ग्रुप और बिजनेस या निवेशक समूह को B ग्रुप में बॉट लेते हैं।

A ग्रुप  वाले -

1- अकेले काम करते हैं , यानी जब तक आपको आमदनी लेनी है तब तक आपको अकेले ही काम करना होता है ।
2- सीमित  कार्य अवधी होने से सीमित आमदनी होते हैं 
3- सक्रिय/ एक्टिव  आमदनी वाले होते हैं ,यानी काम करेंगे तो ही आपको आमदनी मिलेगी।
4- धन के लिए काम करते हैं।

B ग्रुप वाले-

1- टीम बनाकर काम करते हैं , काम करने के घंटे बढ़ाने के लिए टीम बनाते हैं ।
2- प्रत्यक्ष /अप्रत्यक्ष रूप से  असीमित कार्य करने के घंटे बढ़ाकर असीमित आमदनी लेते हैं ।
3- असक्रिय / पैसिव् आमदनी कमाते हैं ,ये लोग पहले सिस्टम से काम करते है और तब सिस्टम इनके लिए काम करता है , तब आमदनी इनके काम करने पर निर्भर नहीं करती ।
4- धन इनके लिए काम करता है ।

*हम में से हर इंसान B ग्रुप जैसा बनना चाहता है और बन भी सकता है।*
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*B ग्रुप में जाने के लिए बनना होगा या तो बिजनेसमैन या निवेशक*,
जिसके लिए चाहिए-

1- बहुत बड़ी पूँजी।
2- ज्ञान 
3- अनुभव और
4- रिस्क लेने की क्षमता ।

हमारे पास पहली चीज - ऐसी पूँजी ही नहीं है तो बाकी चीजों के लिए सोचने के लिए क्या कहा जाय।
अगर ऐसी पूंजी  हो तो , ज्ञान और अनुभव के लिए  नौकरी करने  वाले मिल जाते हैं। लेकिन रिस्क तो खुद ही उठाना होगा।

*बहुत कम लोग ही रिस्क लेने को तैयार होते हैं इसीलिए बहुत कम लोग ही खुद का काम करने वाले होते हैं और नौकरी करने वाले ज्यादा ।*

*A ग्रुप  वालों के पास अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए केवल 2 रास्ते होते हैं-*

1- *काम करने के घंटे बढ़ाएं या *
2- *अपने काम की कीमत बढ़ायी जाये*

कोई भी इंसान लगातार  प्रतिदिन लंबे समय तक काम नहीं कर सकता है यानी काम करने की समय अवधी सीमित ही होगी ।
कोई भी व्यक्ती अपने काम की कीमत खुद तय नहीं कर सकता क्योंकि बाजार भाव इसका निर्धारण करता है ।

*तो क्या हो अपनी मनपसंद आमदनी कमाने का बेस्ट तरीका?*

*तरीका छुपा है आपके खर्च करने के तरीकों में ।*

हम लोग अपनी पूरी आमदनी तो बचाते तो नहीं हैं ,
*हमारे खर्च होते हैं*-

*दैनिक जरूरतों पर,*
*जीवन स्तर यानी लिविंग स्टैंडर्ड पर,*
*हेल्थ केयर पर *
*शिक्षा पर*
* दो या चार पहिया गाड़ी/ घर खरीदने और इनके रखरखाव पर*

ये  खर्च कोई प्रोडक्ट / सामान होगा या सेवा/सर्विस के रूप में होगा।

*दुनिया भर में सभी के खर्च  ऐसे ही होते हैं और हम सभी इन खर्चो के लिये इनकम  (इनकम के लिए नौकरी या बिजनेस  करते हैं ,चाहे वो.काम हमें पसंद है या नहीं ) कमाने के लिये मजबूर हैं और हम जो भी बचत करते हैं वो भी भविष्य में होने वाले खर्चों के लिये ही करते हैं ।*

*क्या आपका इनमें से कोई खर्च आपको आमदनी देता है ?*⁉⁉⁉⁉⁉⁉

*खर्चों से आप अपनी जरूरत भर का कमाई करना तो छोटी बात होगी, आप अपने सपने भी पूरे कर सकते हैं ,अगर आप इसे सही और पूरी गंभीरता से समझने की कोशिश करेंगें।*


Feb 15, 2018

सोच बदलेगी, किस्मत बदल जाएगी | Think and Succeed


*सोच बदलेगी, किस्मत बदल जाएगी*
*सोच बदलेगी, नजर बदल जाएगी*
*नज़र बदलेगी, नेमत बदल जाएगी*
*आसमां पाना हो, तो परवाज़ मत बदलना*
*परवाज़ बदलोगे, तो हवाएं बदल जाएँगी*

हमारी प्रजाति मनुष्य की है। यह सोच का कीटाणु केवल हम मनुष्यों में विद्यमान है।
*यह कीटाणु कभी सकारात्मक होता है कभी बहुत ही विध्वंसक होता है। इस पर किसी का ज़ोर नहीं होता, परन्तु इसके आधार पर यह सीखा जा सकता है कि मनुष्य अपनी सोच को यदि बुद्धिमानी से नियंत्रित करे तो वह एक सफल जीवन यापन कर सकता है और जीवन में सफलताओं और असफलताओं से ऊपर उठ सकता है।*
सच्चाई यही है कि हर व्यक्ति के जीवन में सोच की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि यह शक्ति इसे जानवरों से मुख़्तलिफ़ करती है।
*सोच का मनुष्य के जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव रहता है। यही कारण है कि इंसान के विचारों को कैसा होना चाहिए, उसे कैसे व्यवस्थित करना चाहिए और उसके मन पर विशेष विचार का प्रभाव कैसे पड़ता है?*

यह मनुष्य स्वयं ही निर्धारित करे तो बेहतर है नहीं तो उसमें और कुत्ते की पूँछ में क्या फ़र्क रह जायेगा।

मैंने सुना था
*"ज़िन्दगी में हम जो भी कार्य करते हैं या जैसा भी बनते हैं उसके पीछे हमारा स्वाभाव, हमारे संस्कार तथा हमारी संगत आर्थात हमारे यार-दोस्त या रिश्ते-नातेदार जिनकी सोहबत में हम रोज़मर्रा की ज़िन्दगी बिताते हैं, का गहरा प्रभाव होता है"*
*👉🏻लेकिन जिस दिन आप अपनी सोच से अपने जीवन के फैसले खुद लेने लग जाते हैं उस क्षण के पश्चात् से यह प्रभाव, यह स्वाभाव, यह संस्कार और उस सांगत का कोई भी असर आपके ऊपर नहीं रहता। आपकी सोच अपने में इतनी सशक्त हो जाती है जो ना आपको बहकने देती है, ना बदलने, और ना अपने लक्ष्य से डिगने देती है।*

आपका शुभाकांक्षी...
रवीन्द्र भट्ट

Feb 11, 2018

फोकस करना क्यों जरुरी है?

ऐसा  क्यों  होता  है  कि  कई बार  सब  कुछ  होते  हुए  भी  हम  वो  नहीं  कर  पाते  जिसको  करने  के  बारे  में   हमने  सोचा  होता  है ….

👉🏻दृढ  निश्चय  किया  होता ……

👉🏻खुद  को  promise किया  होता  है  कि  हमें  ये  काम  करना  ही  करना  है …

👉🏻चाहे  जो  हो  जाए ….!!!

“सब  कुछ  होते  हुए” से  मेरा  मतलब  है  आपके  पास  पर्याप्त  talent, पैसा ,  समय , या  ऐसी  कोई  भी  चीज  जो  उस  काम  को  करने  के  लिए  ज़रूरी  है ;  होने  से  है .

*हम अक्सर मोटिवेटेड हो जाते हैं, फिर कुछ ही दिन में हमारे गुब्बारे की हवा निकल ही जाती है, जो हमारे सपनों की अकाल मृत्यु का कारण बनता है...*

👉🏻तो  आखिर  इसकी वजह  क्या है..?

*वजह  एक ही है....FOCUS.*

👉🏻चूँकि  सपने अपने ही होते है चाहे वो छोटा हो या बड़ा ,उसे पछरा करने की जिम्मेदारी भी उस सपने के मालिक की होती है जिसके लिये पूरी  तरह  से  अपना  ध्यान  केन्द्रित  करना  चाहिए  होता है…..

*पर हम किसी न किसी जाब या बिजनेस में  involve रहते हैं  कि  हम अपने उस सपने पर focus नहीं  कर  पाते हैं …*

*और  सबकुछ  होते  हुए  भी  हम  इसे  सफल  नहीं  बना  पाते हैं*

*यह  एक  शाश्वत  सत्य  है  कि  सम्पूर्ण  ब्रह्माण्ड में  हम  जिस  चीज  पर  ध्यान  केन्द्रित  करते  हैं  उस  चीज  में  आश्चर्यजनक  रूप  से  विस्तार  होता  है .इसलिए  सफल  होने  के  लिए  हमें  अपने  चुने  हुए  लक्ष्य पर  पूरी  तरह  से  focussed होना  होगा ; और  तभी  हम  उसे  हकीकत  बनते  देख  पायेंगे .*

👉🏻फोकस होने का मतलब यह नहीं है कि हम बाकी कामों को छोड़ ही दें , फोकस होने का मतलब है -उस काम को अपनी प्राथमिकता पर रखें और बाकी कामों को दूसरी वारीयता दें...
अगर ऐसा नहीं करेंगे तो हम कभी भी अपने उन सपनों को कभी भी हासिल नहीं कर पायेंगे क्योंकि जाब या बिजनेस तो रोजमर्रा की दिनचर्या है....

*फोकस होने का यह मतलब यह भी है कि हमें उन कामों को करने के लिये किसी से रिमाइंडर की जरूरत न हो, हम अपने आप ही हासिल करने की मेहनत रोजाना करें और मोटिवेशन के लिये किसी बाहरी स्रोत पर निर्भर न हों।*
*👉🏻यह मोटिवेशन हमारे भीतर से ही हो.....*
*👉🏻यही फोकस होना होता है और यही फोकस दुनियाभर में आजतक की सभी सफलताओं का कारण है....*

👉🏻यह आपकी ही जिम्मेदारी है अपने  फोकस को कहाँ रखना है?
👉🏻जहाँ भी रखेंगे, वही हासिल भी होगा.. फोकस मे रहने वाले काम को ही हम तेजी और कुशलता से करते हैं इसी कारण ऐसे काम जल्दी पूरे होते हैं...

👉🏻अतः आप जो भी चाहते हैं ,उसी पर अपना फोकस रखें...
पर केवल दूसरों को दिखाने के लिये दिखावा न करें..

👉🏻बल्कि अपने लिये करें...🙂

👉🏻सफलता का मूलमंत्र यही है....😀
आपका सच्चा शुभाकांक्षी और साथी....
रवीन्द्र भट्ट

Jan 31, 2018

सफलता अचानक या रातों रात नहीं मिलती


*यूं ही कुछ चाहते चाहते , बड़े अरमान जागे निज मन में...*
*मचल उठी बचपन की जिद  हर हाल में उसे पाने की ।।*

*जोश होश में किया कुछ करम ,फिर हुआ वही लाचार आदत , जोश को खो देनी की ।।*

दोस्तों सफलता अचानक या रातों रात नहीं मिलती ,सफलता  के  लिए  कुछ वक्त चाहिये ,कई बार लम्बा  इंतज़ार भी करना होता है.
सफलता पाना सबसे अधिक इस बात पर निर्भर करती है कि आपका फोकस किस बात पर है?
लगने वाले समय पर या मिलने वाली सफलता पर ।
अगर कोई बात निर्धारित समय के बाद बनती है और तब उसकी कोई वैल्यू न रह जाये तो अलग बात है।
अगर आपका फोकस केवल  लगने वाले समय पर ही है तो ज्यादा आंशका सफलता न मिलने की है। क्योंकि ध्यान समय पर है, जैसे जैसे समय गुजरता रहेगा, अंदर से आप विचलित होते जायेंगे और अगर जल्दी ही मन माफिक रिजल्ट न मिले तो आप उस काम को छोड़ भी देंगे ...इसे धीरज की कमी भी कहा जा सकता है..
अगर आपका फोकस सफलता पर ही है तो समय की तरफ न देखें..

कई  बार  लोग  कामयाबी  के  बहुत  करीब  पहुच  कर  हार  मान  लेते  हैं . आपको  ध्यान  देना  होगा  कि  आप  अपने  काम  को  अंजाम  तक  पहुचाएं , किसी  भी  काम  को  करने  में  time तो  लगता  ही  है  और  जब  काम  बड़ा  हो  तो  समय  भी  बड़ा  लगता  है .

Kentucky Fried Chicken (KFC) के founder Colonel Sanders ने जब अपनी business idea के लिए लोगों को convince करना चाहा तो उन्हें हज़ार से भी  अधिक बार ना सुननी पड़ी. वह अपनी कार में एक शहर से दूसरे शहर घूमते रहे और restaurant मालिकों से मिलते रहे , और इस दौरान कई बार उन्हें अपनी कार में ही सोना पड़ता था. पर इतनी ना सुनने के बाद भी उन्हें अपनी चिकन बनाने की secret recipe पर यकीन था और देर से ही सही पर उन्हें सफलता मिली और आज KFC दुनिया भर में एक successful brand के रूप में जाना जाता है.

स्वयं पर और अपनी सही तरीके की मेहनत पर यकीन रखिये....
आपका शुभाकांक्षी....
आपका साथी....
रवींद्र भट्ट

Jan 28, 2018

सीखना तो पड़ेगा.....

सीखना हर इंसान का जन्मजात गुण है , हम सभी मां के पेट में रहने के समय से सीखना शुरु कर देते है और यह प्रक्रिया पूरे जीवनकाल चलती रहती है...

जीवन में हमारी सफलता या असफलता का कारण यही सीखने से पाया हुआ ग्यान होता है।

किसी भी काम की शुरुआत हमारे ग्यान और नया सीखने के हुनर से ही होती है, हम जितना ज्यादा सीखते हैं, उतना ही अधिक हमारा ग्यान बढ़ता है, अधिक से अधिक और सही ग्यान  हमें सफलता की मंजिल तक पहुंचा देता है।

माँ बाप और बड़े बुजुर्गों से मिलने वाला ग्यान हमारे संस्कार बनाता है जो हमारे जीवन का आधार बन जाता है, स्कूली शिक्षा इसे और निखारती है।दुनियादारी का ग्यान इसी से ही होता , रोजाना के हमारे कामकाज, व्यवहार से हमें हमेशा कुछ न कुछ सीखने को ही मिलता है। यही हमारे अनुभवों का आधार बनता है, जीवन और दुनिया के प्रति हमारे द्रष्टिकोण का कारण बनता है....

हमारी भौतिक सफलता  अब हमारी स्कूली शिक्षा पर भी निर्भर हो गयी ।

जितनी ज्यादा और अच्छी स्कूली शिक्षा होगी कैरियर भी उतना बढ़िया होने की संभावना बढ़ जाती है। यही कारण है कि हर माँ बाप अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा  और ऊंची से ऊँची शिक्षा देना चाहते हैं...

एक बात नोट करने वाली है कि स्कूल में एक कक्षा में कई विद्धार्थी होतें हैं, एक विषय को पढ़ाने वाला एक ही टीचर होता है, एक पीरियड का समय भी समान ही होता है पढ़ाने का तरीका एक भी होता है.. पर क्लास में  पहले स्थान से तीसरे स्थान पाने वाले हर बार लगभग उन्हीं  विद्यार्थियों का नाम आता है...

ऐसा क्यों ? 

ऐसा होने का कारण एक ही है- हमारी सीखने की ईच्छा , ललक और हमारी तैयारी....

विद्धार्थी जीवन में हो सकता है हमें इन बातों का पता नहीं थीं, या किसी ने हमें नहीं बताया हो...

आप  वर्तमान में जो कुछ कर रहे हैं  और उस काम के बारें अगर सीखने की जरूरत है तो.. विद्धार्थी जीवन की वह गलती न दोहरावें,, इसका अंजाम भयानक है, इतना कि इसे आप सही नही कर सकते हैं...

सीखने के लिये आप अपने आपको तैयार कीजिये, सीखने को सर्वोपरि मानिये, सीखने के लिये वक्त निकालिये....।

अगर जीवन में आप कुछ करना चाहते हैं या पाना चाहते हैं तो आपको उस काम के बारें सीखना तो पड़ेगा ही.. 

इसका कोई विकल्प नहीं है..

आपकी सफलता और सुख समृद्धि आपके सीखने पर ही निर्भर है...

आप ही आपके भाग्य विधाता हैंं .. 

आप अपने भाग्य के लिये जितना जिम्मेदार दूसरों को मानते हैं, उससे कई गुना जिम्मेदार आप खुद हैं और यह केवल आपकी सीखने की प्रवृत्ति ही है..

जो आपकी इच्छा पर निर्भर है और यह ईच्छा तो आपकी गुलाम है। आप इसके मालिक हैं... 

देखिये कही ईच्छा या मन आपका मालिक तो नही बन बेठा है... 

ये बड़े खराब मालिक होते हैं, अगर नौकर मलिक बन जाय ,तो अंजाम क्या होगा !

खुद सोच लीजिये...

आप मालिक हैं , तो सही मालिक ही बनिये, नही तो ये इच्छा या मनमौजी स्वभाव आपको कहीं का नहीं छोड़ेगा ...

ईच्छा या मनमौजी स्वभाव को काबू में रखने का केवल एक ही हथियार है- 

सीखना.... सीखना...सीखते रहना....

तो सीखते रहने के लिये हर दम हर वक्त तैयार रहिये...

यही सफल जीवन की पहली सीढ़ी है...

सदैव की भाँति आपका शुभाकांक्षी...

रवीन्द्र भट्ट

सही शुरुआत कैसे करें । How to start in Right Manner

“एक नयी शुरुआत” – जरूर पढ़ें यह लेख आपकी जिंदगी बदल सकता हैं (Rules of Success) जीवन (Life) में हमारे पास अपने लिए मात्र 3500 दिन (9 वर्ष व 6...