यदि आपसे पूछा जाये कि क्या आपने अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित कर रखे हैं तो आपके सिर्फ दो ही जवाब हो सकते हैं: हाँ या ना .
*अगर जवाब हाँ है तो ये बहुत ही अच्छी बात है क्योंकि ज्यादातर लोग तो बिना किसी निश्चित लक्ष्य के ही ज़िन्दगी बिताये जा रहे हैं और आप उनसे कहीं बेहतर स्थिति में हैं*
पर यदि जवाब ना है तो ये थोड़ी चिंता का विषय है.
थोड़ी इसलिए क्योंकि भले ही अभी आपका कोई लक्ष्य ना हो पर जल्द ही सोच-विचार कर के अपने लिए एक लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं.
*लक्ष्य या Goals होते क्या हैं?*
*लक्ष्य एक ऐसा कार्य है जिसे हम सिद्ध करने की मंशा रखते हैं* *Goal is a task which we intend to accomplish*.
कुछ examples लेते हैं:
एक student का लक्ष्य हो सकता है: ” Final Exams में 80% से ज्यादा marks लाना.”
एक employee लक्ष्य हो सकता है अपनी performance के basis पे promotion पाने का.
एक house-wife का लक्ष्य हो सकता है :” Home based business कि शुरुआत करना.
एक blogger का लक्ष्य हो सकता है:” अपने ब्लॉग कि page rank शुन्य से तीन तक ले जाना” .
एक समाजसेवी का लक्ष्य हो सकता है:” किसी गाँव के सभी लोगों को साक्षर बनाना”
इस प्रकार के लक्ष्य केवल एक पक्षीय हैं ,एक पक्षीय का मतलब है कि ये लक्ष्य अपने रोल के अनुसार तय किये जा रहे हैं-एक स्टुडेंट के रूप में, इंप्लोई के रूप में, गृहिणी के रुप में आदि आदि।
पर यहां पर मेरा असली मतलब लक्ष्य किसी रोल के अनुसार निर्धारित करना नहीं है। क्योंकि रोल के अनुसार लक्ष्य अगर आप बनाकर हासिल भी कर सकते हैं पर बहुत सारे बहुत महत्वपूर्ण जीवन के लक्ष्य जो आपको एक बेहतरीन इंसान के रूप में बनायेंगे, वो छूट जायेंगे ।एक बेहतरीन और सफल इंसान बनने का लक्ष्य ही आपके सभी लक्ष्यों का अंतिम लक्ष्य होता है ।
"एक सधे तो सब सधे"
यह लक्ष्य आपके सभी लक्ष्यों को पूरा कर देता है।
*तो आप क्या चाहेंगे? आधी अधूरी सफलता या सर्वांगीण सफलता?*
जीवन एक ही बार मिलता है , इस जीवन में लक्ष्य भी इसी प्रकार के बनाये जाने चाहिए। दुनिया में बहुत लोग अपने रोल के हिसाब से बहुत सफल हुये हैं पर वे अपने जीवन लक्ष्यों को न बना पाने के कारण बाकी चीजों में फेल हुये और भरपूर तरीके से जी नहीं पाये...
केवल एक दो मामलों मे सफलता पाने मात्र से जीवन सफल तो नहीं माना जा सकता है।
कोई व्यक्ति अनुचित तरीकों से बहुत धन संपत्ति जमाकर लेता है या कोई बिजनेस से धनवान बन जाता है पर स्वास्थ्य का नाश कर लेता है तो ऐसी सफलता क्या सही है।
जीवन में सही और सर्वांगीण विकास के लक्ष्य कुछ ऐसे हो सकते हैं-
*आर्थिक आजादी.*
*समय की आजादी*
*अच्छा स्वास्थ्य*
*बहुत अच्छा बैंक बैलेंस या निवेश*
*सपनों का घर.*
*सपनों की गाड़ी*
*देश- विदेश पर्यटन .*
*मान सम्मान पाना*
*बच्चों को बेहतरीन शिक्षा दिलाना*
*अपनी हौबी को पूरा करना या अपने बच्चों की हाबी को पूरा करना.*
*समाज सेवा व परोपकार कार्य करना*
*अपनी इच्छानुसार कोई और नेक काम करना..*
ऐसे की कम या ज्यादा लक्ष्य बनाकर हासिल करना ही एक सफल जीवन माना जा सकता है.
आपका शुभाकांक्षी...
रवीन्द्र भट्ट
No comments:
Post a Comment