शुभ प्रभात दोस्तों..।😀🙏
*ख्वाहिश के ढेर पर.बैठे हम, पाना चाहे उसी पल।*
*नही धीरज निज मन में, शार्ट कट ढूंढते हर पल।।*
*जानबूझकर बरगलाते खुद को।*
*समझते अनाड़ी दूजे को ।।*
*कभी देखा है? शाम के बाद बगैर रात हुये सवेरा ।।*
*धीर धरो ऐ मन के मालिक जरा ।।*
*दोस्तों , समय’ और ‘धैर्य’ दो हीरे-मोती हैं जो हर सफलता की कसौटी हैं*
एक साधु था, वह रोज घाट केकिनारे बैठ कर चिल्लाया करता था,-
*"जो चाहोगे सो पाओगे”, “जो चाहोगे सो पाओगे।”*
बहुत से लोग वहाँ से गुजरते थे पर कोई भी उसकी बातपर ध्यान नहीँ देता था और सब उसे एक पागल आदमी समझते थे।
एक दिन एक युवक वहाँ से गुजरा औरउसनेँ उस साधु कीआवाज सुनी,
*“जो चाहोगे सो पाओगे”,जो चाहोगे सो पाओगे।”*,
और आवाज सुनते ही उसके पास चला गया।
उसने साधु से पूछा –
*“महाराज आप बोल रहे थे कि‘जो चाहोगे सो पाओगे’ तो क्या आपमुझको वो दे सकते हो जो मैँ चाहता हूँ?*”
साधु उसकी बात को सुनकर बोला – “हाँ बेटा तुमजो कुछ भी चाहतेंहो मैँ उसे जरुर दुँगा,बस तुम्हे मेरी बात माननी होगी। लेकिन पहले येतो बताओ कि तुम्हे आखिरचाहिये क्या?”
युवक बोला –
*"मेरी एक ही ख्वाहिशहै मैँ हीरों का बहुत बड़ा व्यापारी बनना चाहता हूँ।“*
*साधू बोला,“कोई बात नहीँ मैँ तुम्हे एक हीरा औरएक मोती देता हूँ, उससे तुम जितनेभी हीरे मोती बनाना चाहोगे बना पाओगे !”*
*और ऐसा कहते हुए साधु ने अपना हाथ आदमी की हथेली पररखते हुए कहा,“पुत्र, मैं तुम्हे दुनिया का सबसे अनमोल हीरा दे रह हूं, लोग इसे ‘समय’ कहते हैं, इसे तेजी सेअपनी मुट्ठी में पकड़ लो और इसे कभी मत गंवाना, तुमइससे जितनेचाहो उतने हीरे बना सकते हो”*
युवक अभी कुछ सोच ही रहा था कि साधु उसका *दूसरीहथेली, पकड़ते हुए बोला,पुत्र इसे पकड़ो, यह दुनिया कासबसे कीमती मोती है, लोग इसे “धैर्य” कहते हैं, जब कभी समय देने के बावजूद परिणाम ना मिलें तो इस कीमतीमोती को धारण कर लेना, याद रखन जिसके पास यह मोती है, वह दुनिया मेंकुछ भीप्राप्त कर सकता है।*
*👉🏻युवक गम्भीरता से साधु की बातोंपर विचार करता हैऔर निश्चय करता है कि आज से वह कभी अपना समय बर्वाद नहीं करेगा औरहमेशा धैर्य सेकाम लेगा । और ऐसा सोचकर वह हीरों के एक बहुत बड़े व्यापारी के यहाँकाम शुरू करताहै और अपने मेहनत और ईमानदारी के बल पर एक दिन खुद भी हीरों काबहुत बड़ा व्यापारीबनता है।*
*दोस्तों, ‘समय’ और ‘धैर्य’ वह दोहीरे-मोती हैं जिनके बल पर हम बड़े से बड़ा लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।*
*अतः ज़रूरी है कि हम अपने कीमती समय को बर्वाद ना करें और अपनी मंज़िल तक पहुँचने के लिए धैर्य से काम लें।*
*आज दुनिया में जितने भी सफल लोग हैं वो कोई भगवान के अवतार नहीं हैं असल में उन्होंने अपने पल-पल (समय) को अपने आपको बनाने में लगाया हैऔर इस काम को उन्होंने बड़े ही ‘धैर्य’ से किया है जिनके बल पर कोई भी बड़े से बड़ा लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। *
आपका शुभाकांक्षी....
रवीन्द्र भट्ट
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