*आखिर बड़ा सोचने में मुश्किल क्या आती है ?*
जब आप motivate होते हैं तो आप बड़ा सोचने लगते हैं , मेरी life grand होगी ,
मैं बहुत बड़ा मुकाम हांसिल करूँगा ….
पर जैसे ही थोडा वक़्त बीतता है आपका जोश ठंडा पड़ने लगता है …
अन्दर से आवाज़ आती है …
अरे इतना कहाँ हो पायेगा …
ये तो बहुत मुश्किल है …
आपके अन्दर की आवाज़ दरअसल सालों से छोटा सोचने की conditioning के कारण है …
आपको deliberately इसे बदलना होगा …
और ये तभी possible है जब आप इस आवाज़ के बावजूद बड़ा सोचते रहिये …
जो करना चाहते हैं उसे visualize करते रहिये …
उसे अपनी success diary में लिखते रहिये ….
जब आप ऐसा करेंगे तो एक दिन आपके अन्दर की आवाज़ भी बदल जाएगी और वो आपकी सोच की हाँ में हाँ मिलाने लगेगी और तब आप उसे हकीकत में बदलता देख पायंगे .
Friends, कुछ दिनों पहले मैं एक bakery shop के सामने से गुजर रहा था …
मैंने देखा कि वहाँ का guard फटे -चीथड़े कपड़ों में खड़े 8- 10 साल के तीन लड़कों को धुत्कार के भगा रहा था ……
क्यों है ऐसा ……
आज भी हमारे देश में कोई इतना गरीब क्यों है कि अपना पेट भी नहीं भर सकता …
क्यों नहीं सोचते हम सब बड़ा क्यों नहीं ख़तम करते अपनी mediocrity को और बदल डालते हैं अपनी और इस देश की तकदीर को ???
भला हम कैसे आँखें मूँद सकते हैं इन सबसे , हमारा luck था कि हम अच्छे घरों में पैदा हुए वर्ना उन तीन लड़कों में से एक मैं भी हो सकता था …
एक आप भी हो सकते थे …
क्यों ऐसा नहीं हो सकता कि कम से कम basic चीजों के लिए कोई इस बात पर निर्भर ना करे कि वो किस घर में पैदा हुआ है !
आप अच्छे हैं ये अच्छा है पर आप छोटा सोचते हैं ये बुरा है …
इसलिए अपनी सोच को बड़ा कीजिये …
हो सकता है आपको इसकी ज़रुरत न हो पर करोड़ों हैं जिन्हें इसकी ज़रुरत है …
ईश्वर ने आपको काबिल बनाया है तो उसके इस तोहफे को बेकार मत जाने दीजिये ….
उठिए ;
चलिए कुछ बड़ा कीजिये !!!
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