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Dec 30, 2017

हमारी सीमाएं, हमारा दायरा..।।

*दोस्तों हम सभी का अपना अपना दायरा होता है, रिश्तेदारों, दोस्तों, जाब में सहकर्मियों, बिजनेस में प्रतिस्पर्धियों का , हम इनके बीच ही जीते हैं और ये दायरा हमारी सोच पर हावी होने लगता है।क्यों??*

सभी  का  अपना -अपना  friend circle होता  है , मौज – मस्ती  होती  है ..
exam की  tension होती  है … हम  बड़े  होते  हैं  और  फिर  ज़िन्दगी  की  so called race में  लग  जाते  हैं …..
ज्यादातर   लोग  conventional wisdom अपनाते  हुए , doctor ,engineer, सरकारी  नौकरी …etc के  चक्कर  में  लग जाते  हैं  और  देर -सबेर  इसमें  कामयाब  भी  हो  जाते  हैं .
अगर  सचमुच  आप  दिल  से  यही  करना  चाहते  थे तो  इसमें  कोई  बुराई  नहीं  है ….
दिल  की  सुनना  हमेशा ….singer , cricketer या  actor बनना ही नहीं  होता ….ये  Engineer, doctor बन  कर  देश  की  सेवा  करना  भी  हो  सकता  है . 
और  एक  दूसरे  case में  भी  यह  करना  सही  है – जब  आप  clear नहीं  होते  की  आप  दरअसल  life में  करना  क्या  चाहते  हैं,  तो  भी  आप  यही  रास्ता  चुन सकते हैं  ..
इसमें  कम  से  कम  आप  financially secure रहेंगे , जो  कि  बेहद  ज़रूरी  है .

Challenge तब  आता  है  जब  आप  अपने  life goals को  लेकर  clear होते  हैं , और  अपने  रास्ते  पर  निकल  पड़ते  हैं .  और  ऐसा  life की  किसी  भी stage में    हो  सकता  है , पहले  हो  जाता  है  तो  ठीक  है , पर  अधिकतर  ये  clarity थोड़ी  देर  से  आती  है  इसलिए  जब  आप  इस  दिशा  में  बढ़ते  हैं  तो  आप  पाते  हैं  कि  अभी  आपने  शुरुआत  भर  की  है  और  आपके  बाकी  दोस्त  conventional path follow करते  हुए  एक  well- settled life ( society की  नज़र  में ) की  तरफ  बढ़  चुके  हैं . 
*यहाँ  आपको  थोड़ी  उलझन  हो  सकती  है , आपके  मन  में  doubt आ  सकता  है  कि  आप  ही  की  उम्र  के  लोग  इतने  पैसे  कमा  रहे  हैं  और  आप  अभी  struggle ही  कर  रहे हैं …..ऐसा  लग  सकता  है  कि  आप  कहीं  गलती  तो  नहीं  कर  रहे  हैं , और  यहीं  पर  आपको  डंटे  रहना  है .*

*अपने  काम  में  believe करिए , इन  distractions की  life बहुत  छोटी  होती  है , अगर  आप  सचमुच  अपने  काम  को  लेकर  passionate हैं  तो  आप  जल्द  ही  इनसे  पार  पा  लेंगे .*
जब  अमिताभ  बच्चन  को  27-28 साल  की  उम्र  में  पहली  बार   फिल्मो में  ब्रेक  मिला  था  तो  उस  वक़्त  तक  उनके  भी  बहुत  सारे  classmates अच्छी  नौकरियों  में   settle हो  चुके थे , ऐसे  में उनके  भी  अन्दर  सवाल  उठे  होंगे , पर  उन्होंने  उन  distractions को  खुद  पर  हावी  नहीं  होने  दिया  और  इतने  महान  अभिनेता  बने .

*आप  भी  औरों   के  आगे  निकलने  से  परेशान  मत  होइए , ….लम्बी  race के  घोड़े  शुरू  में  धीमे-धीमे  ही  दौड़ते  हैं .*
आपका शुभाकाक्षीं ...
रवीन्द्र भट्ट

सफलता को जानिये....

*सफलता को जानिये....*

*कोई भी काम एक दिन में नहीं सफल होता। काम एक पेड़ की तरह होता है। पहले उसकी* *आत्मा में एक बीज बोया जाता है, हिम्मत की खाद से उसे पोषित किया जाता है और मेहनत के पानी से उसे सींचा* *जाता है, तब जाकर* *सालों बाद वह फल देने के लायक होता है*

-स्टीवन स्पीलबर्ग

*सफलता के लिए इन्तजार करना आना चाहिए। पौधे से फल की इच्छा रखना मूर्खता से अधिक कुछ भी नही है।*
-स्टीवन स्पीलबर्ग

*असफलता सफलता प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है अपने मस्तिष्क को अपना रास्ता स्वयं खोजने की शक्ति दीजिये।*

*मेहनत कीजिये लेकिन बिना योजना के नहीं। एक-एक कदम उठाइए। जब एक कदम उठा चुके हों तब तैयारी करें।*

*आकांक्षा क्षणिक नहीं होती, न ही उन्मादी होती है।आवेग कहता है,- रुको मत, चलते रहो। ढ्लो मत, निखरते रहो।*

*हर सुबह मैं अपनी आँखे खोलता हूँ उस भविष्य को सँवारने के लिए जो मेरे लिए खास है। हर रात मैं अपनी आँखे बंद कर लेता हूँ और देखता हूँ कि मेरा लक्ष्य थोड़ा और मेरे पास है।*

प्रयासरत रहिये – keep jumping
सुख संजोइए – harbour happiness

*सफल लोग अपने मस्तिष्क को इस तरह का बना लेते हैं कि उन्हें हर चीज सकारात्मक व खूबसूरत लगती है।*

असल में सफल लोग अपने निरंतर विश्वास से जीतते हैं लेकिन वे असफलताओं का मुकाबला भी उसी विश्वास से करते हैं।

*सफलता के लिए विश्वास पैदा कीजिये। असफल होने पर भी उस विश्वास को कायम रखिये।*

*सफलता सार्वजनिक उत्सव है, जबकि असफलता व्यक्तिगत शोक।*
-थामस जेफरसन

*सफल व्यक्ति सकारात्मक ढंग से प्रशंसा करते हैं और हँसी मजाक पर बुरा नहीं मानते। वे उत्साह फैलाते हैं। उनकी सकारात्मकता चारो तरफ़ फैलती है और उसकी खुशबु हर जगह बिखरती रहती है।*

*सफल लोग सबकी परवाह करते हैं। उनका यह लिहाज भी उन्हें दूसरों से अलग बनाता है।*

*प्रयासों को प्रोत्साहित कीजिये।*
*तुम मुझे प्रोत्साहित करो, में तुम्हें कभी नहीं भूलूंगा।*
– विलियम आर्थर बार्ड

*अपनी सृजनात्मकता को तराशते रहिये।-Hone your creativity.*

*बदलती मनः स्थिति ही एक स्वस्थ व रचनाशील व्यक्तित्त्व की निशानी है।नकल नहीं, सृजन करिए।Never immitate, always create.*

*प्रयास करें अपनी आत्मा के छिद्रों को पहचान कर उन्हें सिलने का।*

*सोचें और लिखें*:-

*मेरी विशेषताएँ-*
*बदलाव की आवश्यकता-*
*मैं कैसे बदलाव करना चाहता हूँ।*

*हम जो भी हैं, जो कुछ भी करते हैं, वह तभी होता है जब हम उसे वास्तव में करना चाहते हैं।*
-पाओले कोएले

*जहाज समंदर के किनारे सर्वाधिक सुरक्षित रहता है। मगर क्या आप नहीं जानते कि उसे किनारे के लिए नहीं, बल्कि समंदर के बीच में जाने के लिए बनाया गया है ?*

With Best wishes...
Ravindra Bhatt

दुनिया की सबसे बेहतर Investment की जगह हैं अपना खुद का शरीर"*

*"दुनिया की सबसे बेहतर Investment की जगह हैं अपना खुद का शरीर"*

आज के इस दिखावे और भागदौड़ की जिंदगी मैं अधिकांश लोग ऐसे हैं जो ब्रांडेड कपड़े पहनना चाहते हैं, ब्रांडेड टीवी, मोबाइल, घड़ियां इस्तेमाल करते हैं, अच्छी से अच्छी गाड़ियां खरीदकर उसमें घूमते हैं,
सिर्फ टीवी के विज्ञापन को देखकर चीजों का इस्तेमाल करते हैं, और केवल उस चीज पर खर्च करते हैं जो लोगों को दिखाई देती है और उसके लिए वो उनसे तारीफ़ (झूठी ही सही) की उम्मीद रखते हैं.

*वे, वह सब कुछ करने को तैयार रहते है जो लोगों को दिखाई दे।*
लेकिन अपने शरीर को (जिसके बिना ये सब कुछ नही है) *अच्छा न्यूट्रिशन* देने को पैसे की बर्बादी समझते हैं। अपने शरीर की कीमत को समझते ही नहीं है या समझना ही नही चाहते।
उन्हें लगता है की बीमार हुए तो एक गोली खायी और वो फिट हो गए।
*लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि Paracitamol, या डिस्प्रिन या कोई भी दवा ना खा पाने के कारण कभी कोई बीमार हुआ है, कोई नहीं मिलेगा।*
*लेकिन अगर आपके शरीर मैं एक भी न्यूट्रिशन( कोई भी विटामिन/मिनरल/ऑक्सिजन) कि कमी होगी तो उसकी कमी से शरीर मैं कोई भी बीमारी कभी भी हो सकती है।*
*और आज की बीमारी अफोर्टबल नहीं, अगर आप गरीब हैं तो आपका बर्बाद होना तय हैं, और अगर पैसे वाले हैं तो और भी बुरी स्थिती होगी, बीमारी जीने नहीं देगी और पैसा मरने नहीं देगा.*

*याद रहे आप अकेले बीमार नहीं होते, आपके साथ आपका पूरा परिवार बिस्तर पर होता हैं, और कही आप एक मात्र ज़रिया हैं आपके परिवार की आमदनी का तो बहुत ही बुरी स्थिती हो सकती हैं !*

*इसलिए अपना और अपने परिवार के खान पान पर विशेष ध्यान रखे.*

*इंसान के शरीर के हर अंग ( किडनी, लीवर, हार्ट, फेफड़े.....) को काम करने के लिए केवल अच्छे न्यूट्रिशन की ज़रुरत होती है दवाओं की नही, हम इस वजह से बीमार नहीं होते की हमने दवा नहीं खाई, हम इस वजह से बीमार होते हैं कि हमने अच्छा शुध्द और पूर्ण खाना नहीं खाया, और खाना ही दवाई हैं, जब आपका खाना अच्छा, पूर्ण और शुध्द नहीं होगा तो कुछ समय बाद आपको दवा और डॉक्टर कि ज़रूरत पडेगी.  खाना खाना से भी ज्याद ज़रूरी हैं जो आपने खाया कही वो पचने के बजाय खाना सड़ तो नहीं रहा....  खाना पचेगा नहीं तो सडेगा, तब कई बीमारिया जन्म लेगी. जैसे गैस का बनाना, बदहाज्मी, फूँसी आदि !*

आज के समय मे कुछ भी शुध्द नहीं (हवा, पानी और भोजन) और यही वजह हैं हम बीमारी की तरफ़ ना चाहते हुऐ बड़ रहे हैं .

*डॉक्टर भी दवा देने से पहले अच्छा खाने कि सलाह देते हैं . डॉक्टर को पता हैं दवा काम करे या ना करे, एक अच्छा खाना ज़रूर बीमारी से लड़ने मे आपकी मदद करेगा.*

*और सबसे ज़रूरी बात दवा के बारे मे कोई भी दवा अपना काम करे या ना करे, पर हर दवा का मानव शरीर पर बुरा असर (Bad Effect & Side Effect) ज़रूर होता हैं !*

*तभी तो शुगर का मरीज, कभी शुगर की वजह से नहीं मरता, जब भी मरता हैं या तो किडनी फेल वज़ह होती हैं या फिर हार्ट अटैक की वजह से.*

*अगर हम सब अपने शरीर पर अभी से इन्वेस्ट (as Nutrition= पौषक आहार) नहीं करेंगे तो ये बात 100% सत्य हैं कि आने वाले समय मैं हम केवल और केवल कुछ डॉक्टर्स का भला करने जा रहे हैं और बदले मैं हमें तनाव और बर्बादी के अलावा कुछ भी मिलने वाला नहीं है।*

डॉक्टर गलत नहीं हैं, पर अगर आज के डॉक्टर आने वाले कल के *न्यूट्रिश्निस्ट* नहीं बने तो आज के न्यूट्रिश्निस्ट कल के डॉक्टर बन जायेंगे.

*एक बहुत ही मजेदार किंतु सत्य बात*

अगर दवा बीमारी को ठीक करती हैं तो फिर अधिकतर डॉक्टर को बी.पी, शुगर, हार्ट की समस्या क्यो होती हैं; जबकी दवा की कोई कमी नहीं हैं उनके पास.

*अपने शरीर को बेस्ट न्यूट्रिशन देकर हम सब एक हेल्थी लाइफ को एन्जॉय कर सकते है !*
*क्योंकि*

*"पहला सुख निरोगी काया,*
*दूजा सुख जेब में हो माया"*

*True Prosperous Life*

Ravindra Bhatt 📞9891773879

Dec 26, 2017

कैसे बढाएं अपनी dream life की तरफ अपने कदम ?


कल मैनें हर दिल की बात ड्रीम लाइफ के बारें में बात करी थी कि क्या ड्रीम लाइफ के बारें हमनें कभी सोचा है? या ड्रीम लाइफ कैसी होनी चाहिये?
जो लोग अपने जीवन में कुछ मीनिंग फुल करना चाहते हैं उनके लिये यह पोस्ट बहुत महत्वपूर्ण है, आशा.है आप इससे फायदा लेंगे...
आज मैं आपके लिये इस विषय को एक कदम और आगे ले जा रहा हूँ

*कैसे बढाएं अपनी dream life की तरफ अपने कदम ?*

For example:

*यदि आप एक सादा जीवन जीने में यकीन करते हैं तो आपके आदर्श जीवन में लम्बी लम्बी गाड़ियों और बड़े बड़े बंगलों की महत्ता नहीं है, पर सिर्फ इसलिए कि society इन्ही चीजों से impress होती है, आप इसे अपनी ideal life में include करें ये सही नहीं होगा. आपको सिर्फ खुद को impress करना है और किसी को नहीं.*

*आपको इन प्रश्नों के उत्तर विस्तार से सोचने होंगे. और यदि आप इस सोच को हकीकत बनते देखना चाहते हैं तो आपको इनमे डूबना होगा. आप चाहें तो इनसे सम्बंधित कोई sketch या  painting भी बना सकते हैं. या अपने दिमाग में एक छोटी सी movie बना सकते हैं ,जिसे आप बार बार अपने  mind में  play कर के देख सकते हैं. मैं अपनी ideal life के बारे में अक्सर अपनी diary में लिखता हूँ. और लगभग हर रोज उस बारे में सोचता हूँ. ऐसा करते वक्त मेरे आँखों के सामने कुछ दृश्य गुजरते हैं , जो मुझे खुशी का एहसास कराते हैं.*

*जहाँ तक ज़िन्दगी कहाँ और किन लोगों के साथ बीताने का प्रश्न है इनके उत्तर तो आप आसानी से सोच सकते हैं पर Ideal life  के बारे में plan करते हुए जो सबसे बड़ा challenge आपके  सामने  आ  सकता  है  वो  है  रोज़ी  रोटी  का  सवाल*.
*शायद  आपका  काम आपको वहां  नहीं  जाने  देता  जहाँ  आप  रहना  चाहते  हैं ?*
*इसीलिए  एक  ideal life के  बारे  में  सोचने  में  सबसे  ज़रूरी  है  कि  आप  अपने  काम  के  बारे  में  गंभीरता  से  सोचें*.

*यहाँ मैं काम से सम्बंधित दो rules आपके साथ share करना  चाहता  हूँ, जो आपके लिए helpful हो सकते हैं*  :

*रूल नंबर 1-10,000 Hour Rule:*

*जाने  माने  author Malcolm Gladwell , कि  theory के  मुताबिक  आप  जो  कुछ  भी  करते  हैं  उसमे  महारथ  हासिल  करने  के  लिए  आपको  कम  से  कम  उस  काम  को  10,000 घंटे  करना होता है तभी  आप  उसमे  expert बन सकते हैं. इसका मतलब है  कि  यदि आप  रोज़  5 घंटे  किसी  काम  को  करेंगे तो  भी  Expert बनने  में  आपको 5-6 साल लग जायेंगे . इसलिए  patience रखिये , इसमें  time लगेगा.*

*रूल नंबर 2-Expert बनें ?*

*ताकि  आप  अपनी  terms and conditions पे  काम  कर  सकें . आप  चाहे  जिस field में  हैं  उसमे  best बनिए . यदि  आप  कोई  subject पढ़ाते  हैं  तो  उसमे  इतना  रम  जाइए  कि  आपकी  जैसी  जानकारी   वाला दूसरा कोई  दूर  दूर  तक  ना  हो . यदि  आप accounts का काम  करते  हैं  तो उसमे महारथ हासिल कर लीजिये ताकि लोग आपको एक consultant के रूप में देखें. Experts की respect होती है , उनका  नाम  होता  है  और  उन्हे  कभी  काम  की  कमी  नहीं  रहती …..चाहे  वो  जहाँ  रहे.*

इसका  एक  example आप  अपने  High School- Inter days में  देख  सकते  हैं , ऐसे  कई  teachers होते  हैं  जो  किसी  school में  नहीं  पढ़ाते  पर  उनके  यहाँ  tuition पढने  वालों  की  line लगी  रहती  है …क्योंकि वो  अपने  subject में  expert होते  हैं . और  वो  ये  रुतबा  अपने  हज़ारों  घंटो  की  मेहनत  के  बाद  ही  हासिल  कर  पाते  हैं.

यदि आप currently जो काम करते हैं वो आपके मन का नहीं है तो आप रोज़ अपने मन के काम के लिए कुछ समय निकालिए और धीरे धीरे उसमे expert बनने का प्रयास कीजिये, 
*George Burns की ये बात याद रखिये ,”जिस चीज  को आप चाहते हैं उसमे असफल होना जिस चीज को आप नहीं चाहते उसमे सफल होने से बेहतर है.” इसलिए लगे रहिये देर से ही सही एक दिन आप ज़रूर सफल होंगे.*

*और जब  आप एक  expert बन  जायेंगे  तो  शायद  आप  अपने  dream place या  उसके  आस -पास  जा  कर  भी  अपना  काम  कर सकें . Globalization के  इस  दौर  में ऐसा  पहले  से  कहीं  अधिक  संभव  है . और  Internet के  माध्यम  से  भी  बहुत  से  लोग  अपने मन  का  काम  घर  बैठे  कर पा रहे  हैं .*

*मैं अपना उदाहरण ही आपको देता हूँ मै अपने लाइफ डेवलेपमेंट प्रोग्राम पर पिछले 1-2  सालों से गभींरता से काम कर रहा हूँ, आज मेरी सोच और पिक्चर बिल्कुल स्पष्ट है अपनी ड्रीम लाइफ के बारे में , उसे हासिल करने के बेस्ट तरीकों के बारे में और हर दिन पिछले दिन से बेहतर कैसे करना है।*
*यह  एक प्रक्रिया है जो आपको बड़ी, बहुत बड़ी मनचाही सफलता देती है ।*

*दुनिया में 90% लोग जिंदगी भर संघर्ष करते रहते हैं क्योंकि वे कैरियर को फोकस करते हैं ,उनका सारा फोकस अपने कैरियर डेवलपमेंट पर ही रहता है ,फोकस लाइफ डेवलपमेंट पर होना चाहिये । अगर आ अपना फोकस लाइफ डेवलपमेंट पर कर लेतें हैं तो मनचाही सफलता एक शत प्रतिशत  परिणाम होगी।*

*जिस प्रकार पानी को एक* *निश्चित तापमान पर.गरम करने से भाप बननी शत प्रतिशत निश्चित है ,उसी प्रकार लाइफ डेवलपमेंट भी शत प्रतिशत भी फलदाता है।*

*यह बड़ी बिडंबना है कि इतनी महत्वपूर्ण विषय- लाइफ डेवलपमेंट की जानकारी हमे स्कूल, कालेज में नहीं बतायी जाती है, अध्यापकों, माता पिता को इस बारें में भी कोई जानकारी भी नहीं है।*

*हर व्यक्ति के संघर्षों का 99% कारण यही है।लाइफ डेवलपमेंट प्रोग्राम की शूरूवात सोच को सही दिशा में लाने के साथ शुरू होती है। मेरी सारी पोस्ट  इसी पर केंद्रित हैं।*

*क्या आप भी अपने लिये लाइफ डेवलपमेंट चाहतें हैं?*

अगर हाँ तो साथ बने रहिये और मुझे पूछिये....

आपका शुभाकांक्षी...
रवींद्र भट्ट

दुनिया में सबसे मुश्किल काम है सही दिशा में सही सोचना| How to think in right direction .

दोस्तों हम सभी अपने या अपने परिवार के लिये कुछ तो कर ही रहें हैं, भले ही तरीके अलग अलग होंगे, रिजल्ट भी सबके लिये अलग अलग ही होगा। किसी को कम , किसी को ज्यादा मिल रहा होगा।

मेहनत सभी कर रहें हैं पर लाख टके का सवाल यह है कि-
*क्या हमें हमारी मेहनत का सही रिजल्ट या पुरस्कार मिल रहा है?*

*क्या हमारी सभी जरूरत पूरी हो रही हैं?*
*क्या हमें इससे अधिक नहीं मिलना चाहिए?*
*क्या और बेहतर पाने की हमारी इच्छा नहीं हैं?*
*क्या जो हम कर रहे हैं ,उससे हमारी अंर्तआत्मा को दुःख नही पहुंच रहा हैं, हम अपनी खुद्दारी से समझौता तो नहीं कर रहें हैं?*
*क्या हमें अपने मौजूदा काम में प्रसन्नता मिल रही है या हम इस काम को तब भी करते रहेंगे अगर उस काम से हमें कोई फायदा ( जैसै इनकम ,मगर मजबूरी नहीं )नहीं मिल रहा है ?*

*दुनिया में सबसे मुश्किल काम है सही दिशा में सही सोचना*🤔 क्योंकि सही सोचने में दिमाग लगता है , जब सही बातें सोचने लगते हैं तो सच्चाई निकल आती है। इससे टेंशन होनी लगती है क्योंकि सही सोच हमें स
काम  करने के लिये उकसाती है जिससे मनचाही सफलता मिलेगी।काम तो ऐसे ,जो आज तक नहीं किये हैं ,इसलिये ज्यादातर लोग सोचना ही नहीं चाहते।
*अब कोई सोचेगा ही नहीं तो मनचाहा तो मिलने से रहा। फिर एक ही रास्ता बचता है - जो मिल रहा है उसी में संतोष करो और ऐसे लोगों ने ही एक कहावत को जन्म दिया- उतने ही पैर फैलावो, जितनी चादर है।*
*जबकि सही सोच वाला इतनी बड़ी चादर का इंतजाम करेगा कि उसमे पूरा समा सके, हो सके तो एक आध और भी समा सकें*

*मेरा मानना है कि जब कुछ करना है ही तो कुछ ऐसा और इतना कर लो कि सब बात बन जाय 😊जैसे-*

*अगर भौतिक सुख सुविधाएं* *जुटाने की ही बात है तो एक छोटे से घर की जगह एक बड़े से बंगले के बारे में सोचिये , या एक बड़ा सा अपार्टमेंट बनाने के* *ख्वाब देखिये , एक छोटी सी गाड़ी में घूमने की जगह* *luxury cars की fleet खड़ी करने के बारे में सोचिये*
*कुछ लाख का बैंक बैलेंस की जगह करोडो़ रूपये महीना या सालाना पैसीव इनकम का स्रोत बनाने की सोचिये।*

*छोटे मोटे घूमने फिरने की जगह अपने देश विदेश में सभी देखने, घूमने लायक जगहों पर जाने के बारें में सोचिये और सभंव करने के उपाय सोचिये*

*छोटी मोटी समाज सेवा के बदले बहुत से जरूरतमंदों को साधन संपन बनाने की सोचिये*

*आम भारतीय पूरी जिदंगी में आर्थिक और स्वास्थ्य की समस्या से हैरान परेशान है जिसका कारण  हैल्थ और फायनेन्शियल एजुकेशन नहीं होना है, लाखों करोड़ों लोगों को ऐसी सही और जरूरी एजुकेशन देने की सोचिये*
*हम अपनी सही गलत बात को प्रूव (साबित करना)करने में समय और ऊर्जा नष्ट कर रहें है जिसका कोई फायदा नहीं है, इसकी जगह खुद को इंप्रूवमेंट(सुधार करना) करने में लगायें*
*अच्छी बातोँ को बताने वाले या मदद करने वालों को तवज्जो न देनें या खिल्ली उड़ाने की बजाय उन बातों और उन भले लोगों को सम्मान देने और उनकी बातों को बढा़वा देने की सोचें।*
*अपने बच्चों को भी अपने जैसा  करने या बनने  की सलाह देने की बजाय उनके लिये कुछ करें कि वे अपनी हौबी को डेवलेप कर सकें और प्रचलित नौकरी या बिजनेस की जगह अपनी हौबी को ही आगे बढा़यें*

*फालतू की गप्पें हाँकने या टीवी देखने में , राजनीतिक तर्क कुतर्क में समय नष्ट करने के बजाय किसी विचार को मूर्तरुप देनी की सोचे*
*एक दूसरे से कंपीटीशन करने बजाय साथ मिलकर आगे बढ़ने की सोचें*

*common man की तरह सोचेंगे तो common man की तरह ही ज़िन्दगी बिता देंगे*…
जिदंगी आपकी...
सोच भी आपकी....
आप कैसे बनना चाहते हैं...
यह च्वॉइस भी आपकी..

*मैने कामन मैन की तरह सोचना कभी का बंद कर दिया ,जिसका परिणाम आप मेरी सोच को विभिन्न पोस्ट के रूपों मे आपको दिखाई दे रही होंगी. साथ ही कुछ ऐसा ही कर रहा हूँ जो 100% मनचाही सफलता  पाने की गाँरटी है.....*
😊
अस्तु ....
आपका शुभाकाक्षी...
रवींद्र 😊🙏🏻

आखिर  बहुत  सारे  लोग  क्यों  अपनी  life बस  एक  ही  जैसी  ज़िन्दगी  जीने  में  बिता  देते हैं

Friends, मैं कल अपने एक दोस्त को लाइफ डेवलेपमेंट प्लानिंग बताने के बाद उसके office के  gate से  बाहर निकल   रहा  था  तब  अचानक  ही  मेरी नज़र  वहां  काम  कर  रहे  gatekeeper पर  पड़ी , वैसे  तो  मैं  उसे  कई बार देख चुका हूँ  पर  आज  उसपर  थोडा  ध्यान  दिया …. वो  कोई  45-50 साल  का  व्यक्ति  होगा , उसे  देखकर  मेरे  मन  में  एक  सवाल  उठा —
*आखिर  बहुत  सारे  लोग  क्यों  अपनी  life बस  एक  ही  जैसी  ज़िन्दगी  जीने  में  बिता  देते हैं ?*
*क्यों  वे  एक  routine life के , भले  वो  घिसी – पिटी  ही  क्यों  ना  हो  के   इतना  used to हो  जाते  हैं  कि  उसे  बदलने  की  कोशिश  ही  नहीं  करते*?
*आखिर  क्यों  वे  अपनी  life में  वहीँ  के  वहीँ  रह  जाते  हैं  और  कोई  progress नहीं  करते ?*

*I am quite sure कि  मेरी  तरह  आपने  भी  ऐसे  लोगों  को  देखा  होगा , फिर  चाहे  वो  आपके  building का  guard हो ,आपके  school days का  कोई  teacher या  फिर  किसी  company का  कोई  employee, या  फिर  आप  खुद !!!*

Well, अगर  आप  इस  तरह  की  condition में  नहीं  हैं  तो  बहुत  अच्छी  बात  है ।
*लेकिन  अगर  आप  भी  ये  feel करते  हैं  कि  आप  एक  मुकाम  तक  पहुच  कर  थम  से  गए  हैं  या  चाह  कर  भी  आप  आगे  नहीं  बढ़  पा  रहे  हैं  तो  शायद  ये  article आपकी  कुछ  मदद  कर  पाए .*

*तो  आइये  जानते  हैं  5  वजहें  कि  क्यूँ  ऐसे  लोग  ज़िन्दगी  में  आगे  नहीं  बढ़  पाते*-

*1- वो progress के बारे में सोचते ही  नहीं  ।*
*2-सोचते हैं पर कुछ करते नहीं*
*3- वो सब कुछ खुद ही करना चाहते  हैं*
*4-Focus loose कर देते हैं*
*5-अपने मन में Mental block बना लेते हैं*

इन 5 कारणों को अगली बार एक एक करके विस्तार में बताऊंगा..

आप सोचिए...

किसी भी बड़े कार्य को सम्पन्न करने के लिए उसकी नीव सबसे मजबूत बनानी होती है*

*किसी भी बड़े कार्य को सम्पन्न करने के लिए उसकी नीव सबसे मजबूत बनानी*

कभी किसी काल में किसी नगर में राम और श्याम नामक दो धनी व्यापारी रहते थे. वे दोनों ही अपने धन और वैभव का बड़ा प्रदर्शन करते थे.

एक दिन राम  अपने मित्र श्याम  के घर उससे भेंट करने के लिए गया. राम  ने देखा कि श्याम  का घर बहुत विशाल और तीन मंजिला था. 2,500 साल पहले तीन मंजिला घर होना बड़ी बात थी और उसे बनाने के लिए बहुत धन और कुशल वास्तुकार की आवश्यकता होती थी. राम  ने यह भी देखा कि नगर में सभी निवासी श्याम  के घर को बड़े विस्मय से देखते थे और उसकी बहुत बड़ाई करते थे.

अपने घर वापसी पर राम  बहुत उदास था कि श्याम  के घर ने सभी का ध्यान खींच लिया था. उसने उसी वास्तुकार को बुलवाया जिसने श्याम का घर बनाया था. उसने वास्तुकार से श्याम के घर जैसा ही तीन मंजिला घर बनाने को कहा. वास्तुकार ने इस काम के लिए हामी भर दी और काम शुरू हो गया.

कुछ दिनों बाद राम काम का मुआयना करने के लिए निर्माणस्थल पर गया. जब उसने नींव खोदे जाने के लिए मजदूरों को गहरा गड्ढा खोदते देखा तो वास्तुकार को बुलाया और पूछा कि इतना गहरा गड्ढा क्यों खोदा जा रहा है.

“मैं आपके बताये अनुसार तीन मंजिला घर बनाने के लिए काम कर रहा हूँ”, वास्तुकार ने कहा, “सबसे पहले मैं मजबूत नींव बनाऊँगा, फिर क्रमशः पहली मंजिल, दूसरी मंजिल और तीसरी मंजिल बनाऊंगा.”

“मुझे इस सबसे कोई मतलब नहीं है!”, राम ने कहा, “तुम सीधे ही तीसरी मंजिल बनाओ और उतनी ही ऊंची बनाओ जितनी ऊंची तुमने श्याम के लिए बनाई थी. नींव की और बाकी मंजिलों की परवाह मत करो!”

“ऐसा तो नहीं हो सकता”, वास्तुकार ने कहा.

“ठीक है, यदि तुम यह नहीं करोगे तो मैं किसी और से करवा लूँगा”, राम ने नाराज़ होकर कहा.

उस नगर में कोई भी वास्तुकार नींव के बिना वह घर नहीं बना सकता था, फलतः वह घर कभी न बन पाया.

*अतः किसी भी बड़े कार्य को सम्पन्न करने के लिए उसकी नीव सबसे मजबूत बनानी चाहिए एवं काम को योजनाबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए ।*

सही शुरुआत कैसे करें । How to start in Right Manner

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