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Feb 28, 2018

लक्ष्यहीन जीवन , बगैर लक्ष्य की समुद्र में भटकती नाव जैसा है ।what type of Goals Me Should make.

*लक्ष्यहीन जीवन , बगैर लक्ष्य की समुद्र में डोलती भटकती नाव  जैसा है...*

*जीवन में सही लक्ष्य का होना ज़रूरी है सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए*

जब आप सुबह घर से निकलते हैं तो आपको पता होता है कि आपको कहाँ जाना है और आप वहां पहुँचते हैं , सोचिये अगर आपको यह नहीं पता हो कि आप को कहाँ जाना है तो भला आप क्या करेंगे?
इधर उधर भटकने में ही समय व्यर्थ हो जायेगा.
*इसी तरह इस जीवन में भी यदि आपने अपने लिए लक्ष्य नहीं बनाये हैं तो आपकी ज़िन्दगी तो चलती रहेगी पर जब आप बाद में पीछे मुड़ कर देखेंगे तो शायद आपको पछतावा हो कि आपने कुछ खास achieve  नहीं किया!!*

*लक्ष्य व्यक्ति को एक सही दिशा देता है. उसे बताता है कि कौन सा काम उसके लिए जरूरी है और कौन सा नहीं.*

*👉🏻यदि goals clear हों तो हम उसके मुताबिक अपने आप को तैयार करते हैं. हमारा subconscious mind हमें उसी के अनुसार act करने के लिए प्रेरित करता है. दिमाग में लक्ष्य साफ़ हो तो उसे पाने के रास्ते भी साफ़ नज़र आने लगते हैं और इंसान उसी दिशा में अपने कदम बढा देता है.*

*दुनियाभर में सभी सफल लोग इस प्रकार के सपने देखते हैं और इनको पाने का लक्ष्य बनाते हैं। और अपनी बुद्धि,ऊर्जा और जूनून से इन सबको पाने में कामयाब हो जाते हैं , वे एक्स्ट्रा ओर्डिनरी लोग बन जाते हैं और समाज में सफलतम लोगों में गिने जाते हैं, दूसरों के रोल माडल बन जाते हैं।*

👉🏻आप भी इनमें सबको या जितना हो सके , अपना लक्ष्य बनायें और इस एक बार मिलने वाले जीवन को अविस्मरणीय बनाकर जीवन का आनंद लीजिये-

*1- मनपसंद इनकम और धन संपत्ति।यानी आर्थिक आजादी, समृध्दी*।(इसके बगैर हमारी जिंदगी दूसरों के रहमोकरम पर रहने लगती और आर्थिक संकट का कारण यही होता है)

*2- मनपसंद तरीके से समय बिताने की आजादी।*
(हमारा मन तो करता है कुछ और करने के लिये लेकिन  मजबूरी में करते कुछ और हैं, ऐसा क्या किया जाय कि मुझे मनपसंद काम करने के लिये समय की कमी न रहे)

*3- अपना और परिवार में सभी परिजनों का अच्छा स्वास्थ्य।*
(सेहत के बारें हम फिक्रमंद तब होते हैं जब  सेहत खराब हो जाती है, ऐसा क्या किया जाय कि किसी की सेहत  कभी खराब होने की नौबत ही न आये )

*4-  सुरक्षित भविष्य ।*
(क्या भविष्य में भी काम ठीक चलता रहेगा ? क्या तब भी इनकम आ सकेगी अगर काम न हो पाये  या किसी अनहोनी की स्थिति में मुझे या मेरी फैमिली को किसी के आगे हाथ फैलाना पड़े)

*5-  समाज सेवा ।*
( अगर  ज्यादा साधन होते तो मैं और बेहतरीन समाज की सेवा कर सकता, ज्यादा समृद्धी ज्यादा समाज सेवा)

*6-  मान सम्मान*
( क्या मुझे सचमुच में लोग मन से सम्मान देते हैं या अपना काम निकलने के लिये चापलूसी करते हैं?
मेरी आने वाली पीढ़ियाँ, दूसरे लोग, समाज मुझे किस तरह के इंसान के रूप में मुझे याद रखना चाहेंगे?क्या मैं वैसे काम कृ रहा हूँ जिससें मैं मनचाहा मान सम्मान पा सकूँ?)

और भी वह सबकुछ जो आप इसके अलावा पाना चाहते हैं।

*याद रखिये ,आप वही बन जाते हैं जो आप सोचते हैं, आप जो हैं,जैसे हैं उसका 99% कारण आप ही हैं दूसरे केवल कारण केवल 1% ही होते हैं...*

दुनिया में सभी सफल मृत या जीवित व्यक्तियों की कहानी देखिये, सुनिये, आपको यही बात पता लगेगी...

आप अपने मन की बात मुझसे शेयर कर सकते हैं

आपका शुभाकांक्षी..
रवींद्र भट्ट

Feb 20, 2018

सही कैरियर कैसा होता है। what is right career

हर कोई अपने और हर माँ बाप अपने बच्चों के कैरियर के बारे मे सबसे अधिक फिक्रमन्द रहता है।
किसी भी क्षेत्र में कैरियर बनाने से पहले कुछ बुनियादी बातें सभी सोचते हैं पर वाकई कैरियर किसे कहते हैं, इस बारे में सबकी सोच एक जैसी नहीं है।
कैरियर चुनने से पहले कुछ बुनियादी बाते पता होनी चाहिए नहीं तो जीवनभर निराशा और असंतोष का सामना करना पड़ सकता है।
कैरियर का मतलब क्या है?
यानी कैरियर किसे कहते है?

"जो काम आपको सम्मानजनक तरीक़े से अपनी और अपने आश्रितों की सभी बेसिक जरूरतों की पूर्ति करने के साथ साथ आपके स्वास्थ्य को अच्छा रखते हुये आपकी इच्छित आरामदायक सुविधायें दे सके, आपको और आपके आश्रितों को आर्थिक सुरक्षा दे सके और आपके आत्म सम्मान में वृद्धि करे, वह काम ही कैरियर है"

क्योंकि मानव जीवन एक बार ही मिलता है और सुख सुविधाओं से परिपूर्ण अपना और परिवारिक जीवन जीना हर कोई चाहता है।
आमतौर पर किसी भी नौकरी(Job) या साधारण बिजनेस (Self Employment )या पेशे (Profession) से ऐसी सुविधायें नहीं मिलती है ।
समय सबके लिये बराबर ही होता है और हर सुविधाओं के लिये अलग अलग काम करना भी संभव नहीं होता है ,  जबकि मन में यह सबपाने की चाहत तो रहती है । जिसके कारण निराशा, असंतोष और तनाव पैदा होकर बढ़ने लगता है।
इस पैमाने पर वर्तमान में लगभग सभी नौकरियां और बिजनेस खरे नहीं उतरते हैं। अब  कैरियर में सैलरी को ज्यादा अहमियत दी जानी लगी है पर उसके बदले में शारीरिक और मानसिक तनाव भी बहुत बड़ रहा है , संतुलित जीवन जीना मुश्किल लगने लगता और समझौते यानी comromised life जीना शुरु होने लगता है...

लाइफ डेवलेपमेंट प्लानिंग से ही असली सुखी समृद्ध जीना सभंव है।

अगर आप अपना और अपने बच्चों के लिये ऐसा सुख समृद्धि चाहते हैं तो आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं..9891773879.

Feb 18, 2018

बनिये अपने भाग्यविधाता | How to Build Life and Future

*कहो न, यही सच है*‼

*भले ही हम सब सुख संपदा चाहते हैं*
जबकि वास्तविकता में  अनेक लोग हैं जिनके पास -
1- *पर्याप्त धन सम्पति है ,पर समय नहीं है जीवन का आनंद ले ने का*।
2- *पर्याप्त समय है पर धन नहीं  है उस समय का भरपूर आनन्द लेने के लिए।*
3- *धन  है पर स्वास्थ्य नहीं है ।*
4- *न तो धन है न  ही अच्छा स्वास्थ्य  है ।*
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*बहुत ही कम लोगों के पास आर्थिक आजादी , समय की आजादी के साथ अच्छा स्वास्थ्य है । यही लोग ही जीवन का सम्पूर्ण आनन्द ले रहे हैं ।*

बाकी लोग तो आपनी जीविका के लिए ही व्यस्त हैं ।

एक सर्वे के अनुसार 1960में एक मिडिल क्लास फेमिली का महीने का खर्च करीब 100 रूपये में निकल  जाता था , जो बढ़कर 1980 में - 1000 रूपये,2000में 10000  हो गया जबकि बचत की  वेल्यु पहले की तुलना में कम  ही हो गयी है। 
यानी महगांई हर 20 साल में दो गुनी बढ़ती है। इस प्रकार 2020 में हमें करीब 1 लाख प्रति माह चाहिए वो भी 2000 के लाइफ स्टाइल को मेंटेन करने के लिए। *बहुत से लोग अभी ही 1 लाख या इससे ज्यादा की आय कमा रहे हैं , तो उनका जीवन स्तर भी उसी आय के अनुसार ही होगा और बढ़ती महगाई का असर उन पर भी होगा।* उनको अटनी हाई कास्ट लाइफ स्टाइल को बनाये रखने के लिये और भी ज्यादा इनकम की जरूरत है...
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*अगर आप इस बढ़ती महगाई और आर्थिक जरूरतों के अनुसार अभी से तैयार हैं तो आप सही दिशा में चल रहें हैं और अगर नहीं हैं तो जल्दी से जल्दी इस दिशा में कदम उठा लें।*
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*क्या आप निश्चिन्त हैं- कि आपका वर्तमान काम आपको आपकी मनपसंद आय दे सकता है ?*
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तब भी अगर आप किसी कारणवश काम नहीं कर पायें!!!! क्योंकि अगर इनकम आनी बंद भी हो जाय पर खर्चे तो बंद नहीं होंगे..।

*लीगल तरीके की आमदनी के तरीके हैं-*

1- नौकरी  -Job
2- स्वयं का व्यवसाय -Self Employment
3- बिजनेस -Business
4- निवेश -Investment

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*दुनिया में करीब 90% लोग या तो नौकरी या स्वयं का व्यवसाय करते  हैं ।*

*जबकि केवल 10% लोग ही बिजनेस या निवेश से अपनी आमदनी कमाते हैं।*

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*दुनियां की करीब 90% आय केवल 10% लोगों के पास है.*
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*शेष 10 % आमदनी 90 % लोगों के पास ।*
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*जबकि समय सबके लिए एक ही रफ़्तार से चल रहा है । सबसे ज्यादा मेहनती और मेधावी नौकरी और स्वयं का काम करने वाले हैं ।ये 90 % लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष  रूप से 10% लोगों के लिए काम करते हैं ।*

*इन दोनों प्रकार के लोगों के काम करने के तरीकों को समझने से इसका कारण समझ में आता है-*

नौकरी या अपना काम करने वाले समूह को A ग्रुप और बिजनेस या निवेशक समूह को B ग्रुप में बॉट लेते हैं।

A ग्रुप  वाले -

1- अकेले काम करते हैं , यानी जब तक आपको आमदनी लेनी है तब तक आपको अकेले ही काम करना होता है ।
2- सीमित  कार्य अवधी होने से सीमित आमदनी होते हैं 
3- सक्रिय/ एक्टिव  आमदनी वाले होते हैं ,यानी काम करेंगे तो ही आपको आमदनी मिलेगी।
4- धन के लिए काम करते हैं।

B ग्रुप वाले-

1- टीम बनाकर काम करते हैं , काम करने के घंटे बढ़ाने के लिए टीम बनाते हैं ।
2- प्रत्यक्ष /अप्रत्यक्ष रूप से  असीमित कार्य करने के घंटे बढ़ाकर असीमित आमदनी लेते हैं ।
3- असक्रिय / पैसिव् आमदनी कमाते हैं ,ये लोग पहले सिस्टम से काम करते है और तब सिस्टम इनके लिए काम करता है , तब आमदनी इनके काम करने पर निर्भर नहीं करती ।
4- धन इनके लिए काम करता है ।

*हम में से हर इंसान B ग्रुप जैसा बनना चाहता है और बन भी सकता है।*
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*B ग्रुप में जाने के लिए बनना होगा या तो बिजनेसमैन या निवेशक*,
जिसके लिए चाहिए-

1- बहुत बड़ी पूँजी।
2- ज्ञान 
3- अनुभव और
4- रिस्क लेने की क्षमता ।

हमारे पास पहली चीज - ऐसी पूँजी ही नहीं है तो बाकी चीजों के लिए सोचने के लिए क्या कहा जाय।
अगर ऐसी पूंजी  हो तो , ज्ञान और अनुभव के लिए  नौकरी करने  वाले मिल जाते हैं। लेकिन रिस्क तो खुद ही उठाना होगा।

*बहुत कम लोग ही रिस्क लेने को तैयार होते हैं इसीलिए बहुत कम लोग ही खुद का काम करने वाले होते हैं और नौकरी करने वाले ज्यादा ।*

*A ग्रुप  वालों के पास अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए केवल 2 रास्ते होते हैं-*

1- *काम करने के घंटे बढ़ाएं या *
2- *अपने काम की कीमत बढ़ायी जाये*

कोई भी इंसान लगातार  प्रतिदिन लंबे समय तक काम नहीं कर सकता है यानी काम करने की समय अवधी सीमित ही होगी ।
कोई भी व्यक्ती अपने काम की कीमत खुद तय नहीं कर सकता क्योंकि बाजार भाव इसका निर्धारण करता है ।

*तो क्या हो अपनी मनपसंद आमदनी कमाने का बेस्ट तरीका?*

*तरीका छुपा है आपके खर्च करने के तरीकों में ।*

हम लोग अपनी पूरी आमदनी तो बचाते तो नहीं हैं ,
*हमारे खर्च होते हैं*-

*दैनिक जरूरतों पर,*
*जीवन स्तर यानी लिविंग स्टैंडर्ड पर,*
*हेल्थ केयर पर *
*शिक्षा पर*
* दो या चार पहिया गाड़ी/ घर खरीदने और इनके रखरखाव पर*

ये  खर्च कोई प्रोडक्ट / सामान होगा या सेवा/सर्विस के रूप में होगा।

*दुनिया भर में सभी के खर्च  ऐसे ही होते हैं और हम सभी इन खर्चो के लिये इनकम  (इनकम के लिए नौकरी या बिजनेस  करते हैं ,चाहे वो.काम हमें पसंद है या नहीं ) कमाने के लिये मजबूर हैं और हम जो भी बचत करते हैं वो भी भविष्य में होने वाले खर्चों के लिये ही करते हैं ।*

*क्या आपका इनमें से कोई खर्च आपको आमदनी देता है ?*⁉⁉⁉⁉⁉⁉

*खर्चों से आप अपनी जरूरत भर का कमाई करना तो छोटी बात होगी, आप अपने सपने भी पूरे कर सकते हैं ,अगर आप इसे सही और पूरी गंभीरता से समझने की कोशिश करेंगें।*


Feb 15, 2018

सोच बदलेगी, किस्मत बदल जाएगी | Think and Succeed


*सोच बदलेगी, किस्मत बदल जाएगी*
*सोच बदलेगी, नजर बदल जाएगी*
*नज़र बदलेगी, नेमत बदल जाएगी*
*आसमां पाना हो, तो परवाज़ मत बदलना*
*परवाज़ बदलोगे, तो हवाएं बदल जाएँगी*

हमारी प्रजाति मनुष्य की है। यह सोच का कीटाणु केवल हम मनुष्यों में विद्यमान है।
*यह कीटाणु कभी सकारात्मक होता है कभी बहुत ही विध्वंसक होता है। इस पर किसी का ज़ोर नहीं होता, परन्तु इसके आधार पर यह सीखा जा सकता है कि मनुष्य अपनी सोच को यदि बुद्धिमानी से नियंत्रित करे तो वह एक सफल जीवन यापन कर सकता है और जीवन में सफलताओं और असफलताओं से ऊपर उठ सकता है।*
सच्चाई यही है कि हर व्यक्ति के जीवन में सोच की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि यह शक्ति इसे जानवरों से मुख़्तलिफ़ करती है।
*सोच का मनुष्य के जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव रहता है। यही कारण है कि इंसान के विचारों को कैसा होना चाहिए, उसे कैसे व्यवस्थित करना चाहिए और उसके मन पर विशेष विचार का प्रभाव कैसे पड़ता है?*

यह मनुष्य स्वयं ही निर्धारित करे तो बेहतर है नहीं तो उसमें और कुत्ते की पूँछ में क्या फ़र्क रह जायेगा।

मैंने सुना था
*"ज़िन्दगी में हम जो भी कार्य करते हैं या जैसा भी बनते हैं उसके पीछे हमारा स्वाभाव, हमारे संस्कार तथा हमारी संगत आर्थात हमारे यार-दोस्त या रिश्ते-नातेदार जिनकी सोहबत में हम रोज़मर्रा की ज़िन्दगी बिताते हैं, का गहरा प्रभाव होता है"*
*👉🏻लेकिन जिस दिन आप अपनी सोच से अपने जीवन के फैसले खुद लेने लग जाते हैं उस क्षण के पश्चात् से यह प्रभाव, यह स्वाभाव, यह संस्कार और उस सांगत का कोई भी असर आपके ऊपर नहीं रहता। आपकी सोच अपने में इतनी सशक्त हो जाती है जो ना आपको बहकने देती है, ना बदलने, और ना अपने लक्ष्य से डिगने देती है।*

आपका शुभाकांक्षी...
रवीन्द्र भट्ट

Feb 11, 2018

फोकस करना क्यों जरुरी है?

ऐसा  क्यों  होता  है  कि  कई बार  सब  कुछ  होते  हुए  भी  हम  वो  नहीं  कर  पाते  जिसको  करने  के  बारे  में   हमने  सोचा  होता  है ….

👉🏻दृढ  निश्चय  किया  होता ……

👉🏻खुद  को  promise किया  होता  है  कि  हमें  ये  काम  करना  ही  करना  है …

👉🏻चाहे  जो  हो  जाए ….!!!

“सब  कुछ  होते  हुए” से  मेरा  मतलब  है  आपके  पास  पर्याप्त  talent, पैसा ,  समय , या  ऐसी  कोई  भी  चीज  जो  उस  काम  को  करने  के  लिए  ज़रूरी  है ;  होने  से  है .

*हम अक्सर मोटिवेटेड हो जाते हैं, फिर कुछ ही दिन में हमारे गुब्बारे की हवा निकल ही जाती है, जो हमारे सपनों की अकाल मृत्यु का कारण बनता है...*

👉🏻तो  आखिर  इसकी वजह  क्या है..?

*वजह  एक ही है....FOCUS.*

👉🏻चूँकि  सपने अपने ही होते है चाहे वो छोटा हो या बड़ा ,उसे पछरा करने की जिम्मेदारी भी उस सपने के मालिक की होती है जिसके लिये पूरी  तरह  से  अपना  ध्यान  केन्द्रित  करना  चाहिए  होता है…..

*पर हम किसी न किसी जाब या बिजनेस में  involve रहते हैं  कि  हम अपने उस सपने पर focus नहीं  कर  पाते हैं …*

*और  सबकुछ  होते  हुए  भी  हम  इसे  सफल  नहीं  बना  पाते हैं*

*यह  एक  शाश्वत  सत्य  है  कि  सम्पूर्ण  ब्रह्माण्ड में  हम  जिस  चीज  पर  ध्यान  केन्द्रित  करते  हैं  उस  चीज  में  आश्चर्यजनक  रूप  से  विस्तार  होता  है .इसलिए  सफल  होने  के  लिए  हमें  अपने  चुने  हुए  लक्ष्य पर  पूरी  तरह  से  focussed होना  होगा ; और  तभी  हम  उसे  हकीकत  बनते  देख  पायेंगे .*

👉🏻फोकस होने का मतलब यह नहीं है कि हम बाकी कामों को छोड़ ही दें , फोकस होने का मतलब है -उस काम को अपनी प्राथमिकता पर रखें और बाकी कामों को दूसरी वारीयता दें...
अगर ऐसा नहीं करेंगे तो हम कभी भी अपने उन सपनों को कभी भी हासिल नहीं कर पायेंगे क्योंकि जाब या बिजनेस तो रोजमर्रा की दिनचर्या है....

*फोकस होने का यह मतलब यह भी है कि हमें उन कामों को करने के लिये किसी से रिमाइंडर की जरूरत न हो, हम अपने आप ही हासिल करने की मेहनत रोजाना करें और मोटिवेशन के लिये किसी बाहरी स्रोत पर निर्भर न हों।*
*👉🏻यह मोटिवेशन हमारे भीतर से ही हो.....*
*👉🏻यही फोकस होना होता है और यही फोकस दुनियाभर में आजतक की सभी सफलताओं का कारण है....*

👉🏻यह आपकी ही जिम्मेदारी है अपने  फोकस को कहाँ रखना है?
👉🏻जहाँ भी रखेंगे, वही हासिल भी होगा.. फोकस मे रहने वाले काम को ही हम तेजी और कुशलता से करते हैं इसी कारण ऐसे काम जल्दी पूरे होते हैं...

👉🏻अतः आप जो भी चाहते हैं ,उसी पर अपना फोकस रखें...
पर केवल दूसरों को दिखाने के लिये दिखावा न करें..

👉🏻बल्कि अपने लिये करें...🙂

👉🏻सफलता का मूलमंत्र यही है....😀
आपका सच्चा शुभाकांक्षी और साथी....
रवीन्द्र भट्ट

सही शुरुआत कैसे करें । How to start in Right Manner

“एक नयी शुरुआत” – जरूर पढ़ें यह लेख आपकी जिंदगी बदल सकता हैं (Rules of Success) जीवन (Life) में हमारे पास अपने लिए मात्र 3500 दिन (9 वर्ष व 6...