एक बार मैनें कहीं पढ़ा था कि, बात-विचार और इंसानी समझ दो प्रकार की होती है ।
जैसे कोईभी बात या विचार या तो गलत होगा या सही, उसी प्रकार समझ भी सही या गलत होती है ।
गलत बात या विचार जल्दी और तेजी से समझ में आता है और फैलता भी तेजी से है ।और तो और बुरी बातों में बड़ी ताकत होती है अपनी ओर खींचने में।
सही बात जल्दी समझ में हर इंसान को नही आती और फैलती भी धीरे धीरे है।
अगर किसी को सही बात जल्दी समझ में आ रही है तो यकीन मानिये, आप बुध्दिमान तो हैं ही ,साथ ही आप पर ईश्वरीय कृपा भी है ।
ये बातें हकीकत में हम पर लागू होती हैं ,जैसे-
सबको पता है कि नशा करना आदि खराब है पर कितने हैं जो यह सब जानकर भी नशा करते हैं।
जो भी दुनिया में इंकलाब लाये हैं या बड़े कामयाब हैं, उन्होने सबसे पहले अपनी बुरी बातों और विचारों पर विजय हासिल की और तब सही विचारों की शक्ति से से बुलंदी को पा लेते हैं।
इन सब बातों से साबित होता है कि विचारों में बड़ी शक्ति होती है।
इतिहास इह बात का गवाह भी कि आजतक का सांसारिक, वैग्यानिक, आध्यात्मिक विकास का मूल विचार ही हैं ।
विचार ही जन्मदाता हैं कर्म के और कर्म जन्मदाता हैं फल के, और फल का अधिकारी भी वही विचारों को रचने वाला ।
यह आप पर ही निर्भर करता है कि आप किस प्रकार का फल चाहते हैं ।
आपके जैसे विचार होंगे, फल भी वैसा ही होगा ।
विचारों में बड़ी गजब की शक्ति होती , हमें पता भी नही लगता और ये विचार अपना काम कर चुके होते हैं ।
जरा सोचिये या याद करिये वो वक्त जब किसी ने आपके साथ सबसे बुरा किया था!!!
देखो, आपके विचार बदल रहे हैं और आपकी शारीरिक भाव भंगिमा और वाणी भी बदल रही है ।
अब जरा याद करिये उस बक्त को जब आपको सबसे अधिक खुशी मिली थी!!!!!
अब फिर आपके विचार बदलने लगे और उसका फल भी बदलने लगा ।
आप अपने विचारों के स्वामी हैं, यह बड़ी जिम्मेदारी भी है ।
सोचिये ध्यान से, विचार खेत हैं, बीज हैं ।
करम खाद -पानी, आप मालिक
इस खेत के करिये ,अपनी मनमानी ।
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