हर इंसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए और बढ़ती महगांई को क़ाबू करने में पूरी जिंदगी लगा रहता है । कब स्वास्थ्य बिगड़ा , कब बीमारियों ने घेरा -इसका पता होने तक काफी वक्त निकल जाता है।
जिन दो चीज़ो (अच्छा स्वास्थ और अच्छी आमदनी )
पर पूरी जिंदगी की बुनियाद खड़ी है उन्ही के बारे में हमें किसी स्कूल ,कालेज में नहीं पढ़ाया गया। अगर पढ़ाया तो बस एक पाठ केवल।
बाकी विषयों के पुरे पीरियड वो भी पुरे पुरे सब्जेक्ट के साथ,भले ही उनकी हमारी जिंदगी में कोई या उतनी जरुरत नहीं है फिर भी पढ़ना होता है। यही बात हमारे बच्चों के साथ भी हो रहा है।
जब अच्छे स्वास्थ के बारे में स्कूल -कालेज में नहीं पढ़ाया जाता तो क्या माता- पिता को इनके बारे में सब कुछ मालूम है।
हमारी गलती नहीं है ये तो बस एक नाकामयाब सिस्टम का एक उदाहरण है जिसको हमारे निति नियंताओं ने बनाया है जो हमारे लिए केवल प्रतीक भर है। हमें ही अपने और अपने परिवार के लिए जूझना है। याद करिये जब आप या आपके बच्चे की तबियत खराब हुयी थी तो तब आप कितने परेशान हुए थे। दुबारा ऐसा वक्त न आये इसके लिए आप हमेशा प्रार्थना भी करते होंगे। जरूर कीजिये ,प्रार्थना में बड़ी शक्ती होती है।
भगवान् की कृपा हमेशा बनी रहे आप पर।
क्या आप चाहेंगे स्वास्थ्य संबंधी बेसिक जानकारी जो बहुत जरूरी है और जिसके बारे मे हमें पूरा पता नहीं है। इस जानकारी से न केवल आप अपने और अपने परिवार के सम्पूर्ण स्वास्थ्य को सही रख सकते हैं बल्कि आप अपने बच्चों को सबसे अनमोल ज्ञान भी दे सकते हैं ।
अगर किसी को कोई भेंट देनी हो तो सर्वश्रेष्ठ भेंट दे - अच्छे स्वास्थ् की।
बेसिक जानकारी जो हर व्यक्ति को होनी चाहिए-
जैसा की आप जानते हैं की हमारा शरीर बड़ा जटिल है और इसे कोई समझना नहीं चाहता न ही समझ सकता है इस प्रकार की सोच ही हमें अच्छे स्वस्थ शरीर के मालिक बनने से रोक देती हैं ।इसको बड़े आसान तरीके से समझ सकते हैं-
हमारा शरीर हड्डी , मांस और खून से बना है पर ये तीनो चीजे भी किसी और चीज से बनी होंगी ?
हमारे शरीर में करीब 63 ट्रिलियन से 100 ट्रिलियन कोशिकाएँ है ,ये ही हमारे शरीर की सबसे छोटी इकाई है ।
कुछ खास तरीके की कोशिकाओं या cells से एक खास प्रकार के ऊतक या tissue बनते हैं और इन खास टिश्यू या उतकों से कोई खास अंग या ऑर्गन बनता है। इस प्रकार बहुत से अंगों या ओर्गन्स से शरीर का सिस्टम बनता है और इसी ऑर्गन सिस्टम से शरीर बनता है।
ये अलग अलग अंग अपना अपना खास काम करते हैं ।एक अंग दूसरे अंग का काम नहीं कर सकता है और
इन अंगों को काम करने के लिए ऊर्जा चाहिए ।ये ऊर्जा या एनेर्जी मिलती है हमें भोजन , पानी और हवा यानी ऑक्सिजन से। पर ये तीनो शुद्ध यानी बगैर मिलावट की चाहिए।
क्या आपको लगता है की तीनो चीजे शुद्ध हैं ?
तीनो चीजे अब प्रदूषित हो चुकी हैं ये अब कोई रहस्य नहीं है।
ये प्रदुषण जो हमारे भोजन ,पानी और हवा में मिला हुआ है जिसको फ्री रेडिकल या ऑक्सीडेंट के नाम से जानते हैं ,शरीर में जाकर cell को डेमेज कर देता है और कमजोर cell अपने काम अब पूरी शक्ति से नहीं कर पाता जिससे उन cell से बना टिश्यू भी कमजोर होकर अपने अंग को भी कमजोर कर देता है।
कमजोर अंग भी अपने काम भी शक्ती से नहीं कर सकता और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती है।
इन सब cell को अपने ऊर्जा के लिए पौष्टिक तत्व चाहिए होते हैं ,जिसके लिए पौष्टिक भोजन खाने की सलाह दे जाती है ।
हमारे शरीर को रोजाना 46 प्रकार के पैष्टिक तत्व चाहिए होते हैं।
बहुत ही कम लोंगों ही को इनके बारे पूरा पता होता है की हमें ये 46 पैष्टिक तत्व बिटामिन ,खनिज,प्रोटीन ,वसा , कारबोहाईड्रेट्स,फाइबर और पानी के रूप में मिलते हैं।ये सारे हमारे भोजन में रोजाना चाहिए और उचित मात्रा में भी ये भी हमें मालूम है की कितनी मात्रा मे ये सभी हमारे भोजन में शामिल हैं ।जबकि सच्चाई तो ये की हम अपने प्रतिदिन के भोजन में इन पौष्टिक तत्वों की जगह स्वाद को पसंद करते हैं ।
इन प्रदूषित भोजन ,पानी ,हवाऔर पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण ही 99% स्वास्थ की समस्याये होती है।
ये तो आप जानते है की प्रदूषित भोजन ,हवा और पानी पर हमारा तो कंट्रोल रहा ही नही बल्की government का भी कॉंट्रोल नहीं रहा है ।
अब आप ये भी जान ले की ये प्रदुषण -फ्री रेडिकल या ओक्सिदेंट्स जो हमारे भोजन ,पानी और हवा में जा रहा है ,ये हमारे cell को डिस्टर्ब करके उसी प्रकार नष्ट कर देते हैं जैसे जंग लोहे को।
जिस प्रकार लोहे को जंग से बचने की लिए पेंट काम करता है ठीक उसी प्रकार इन फ्री रेडिकल ये ओक्सिदेंट्स को निष्प्रभावी करने के लिए प्रकृति ने अपने आप सिस्टम बना रखा है एंटी ओक्सिदेंट्स के रूप में जो हमारे भोजन , हवा और पानी में मिलते हैं । ये एंटी ऑक्सीडेंट जितने ज्यादा हमारे भोजन में होंगे उतने ही कम हमारे शरीर पर इन फ्री रेडिकल्स के असर होंगे ।
इसीलिए तो आपके डॉक्टर आपको भोजन में वेरायटी बढ़ाने के लिए कहते हैं।
आपके भोजन में जतनी ज्यादा वेरायटी होगी आप उतने ही ज्यादा सक्षम होंगे इन फ्री रेडिकल्स से मुकाबला करने में यानी आपका शरीर पहलवान जैसा ताकतवर होगा जिससे उलझने में कोई भी पसंद नहीं करेगा।
आप न केवल छोटी मोटी बीमारियों से बचे रहेंगे बल्कि बड़ी गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रहेंगे ।
अब बात आती है एंटी ऑक्सीडेंट की दैनिक मात्रा की।
आप जानते है की हमारे दैनिक भोजन पानी हवा में एंटी ओक्सिडेंट्स होते ही हैं पर प्रदूषित होने के कारण एंटी ओक्सिदेंट्स की मात्रा कम हो जाती है और साथ ही साथ जरुरत के एंटी ओक्सिदेंट्स भी नहीं मिल पाते। इस प्रकार शरीर में फ्री रेडिकल की मात्रा ज्यादा यानी ताकतवर और उनको हराने वाले एंटी ओक्सिदेंट्स की मात्रा कम रहती है। जिसके कारण हम अक्सर बीमार पड़ते हैं ।
भोजन पानी हवा में शामिल फ्री रेडिकल्स से हम बच् नहीं सकते है । बस एक ही तरीका है उचित मात्रा में एंटी ओक्सिदेंट्स।
तो शामिल कीजिये अपने दैनिक भोजन में एंटी ओक्सिदेंट्स से भरपूर अनाज,सब्जिय्यां,फल,मेवे और रखिये स्वयं और अपने परिवार को स्वस्थ।
अगर मेरा ये लेख आपको पसंद आया तो जरूर अवगत कराएं।
आपका और आपके परिवार के सम्पूर्ण स्वास्थ की मंगलकामनाओं के साथ-
रविन्द्र भट्ट