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Oct 16, 2015

बेसिक्स ऑफ़ हैल्थ


हर इंसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए  और बढ़ती महगांई को क़ाबू करने में पूरी जिंदगी लगा रहता है । कब स्वास्थ्य बिगड़ा , कब बीमारियों ने घेरा -इसका पता होने तक काफी वक्त निकल जाता है।
जिन दो चीज़ो (अच्छा  स्वास्थ   और    अच्छी आमदनी )  
पर पूरी जिंदगी की बुनियाद खड़ी है उन्ही के बारे में हमें किसी स्कूल ,कालेज में नहीं पढ़ाया गया। अगर पढ़ाया तो बस एक पाठ केवल।
बाकी विषयों के पुरे पीरियड वो भी पुरे पुरे सब्जेक्ट के साथ,भले ही उनकी  हमारी जिंदगी में कोई या उतनी जरुरत नहीं है फिर भी पढ़ना होता है। यही बात हमारे बच्चों के साथ भी हो रहा है।
जब अच्छे स्वास्थ के बारे में स्कूल -कालेज में नहीं पढ़ाया जाता तो क्या माता- पिता को इनके बारे में सब कुछ मालूम है।
हमारी गलती नहीं है ये तो बस एक नाकामयाब सिस्टम का एक उदाहरण है जिसको हमारे निति नियंताओं ने बनाया है जो हमारे लिए केवल प्रतीक भर है। हमें ही अपने और अपने  परिवार के लिए जूझना है। याद करिये जब आप या आपके बच्चे की तबियत खराब हुयी थी तो तब आप कितने परेशान हुए थे। दुबारा ऐसा वक्त न आये इसके लिए आप हमेशा प्रार्थना भी करते होंगे। जरूर कीजिये ,प्रार्थना में बड़ी शक्ती होती है।
भगवान् की कृपा हमेशा बनी रहे आप पर।
क्या आप चाहेंगे स्वास्थ्य संबंधी बेसिक जानकारी जो बहुत जरूरी है और जिसके बारे मे हमें पूरा पता नहीं है। इस जानकारी से न केवल आप अपने और अपने परिवार के सम्पूर्ण स्वास्थ्य को सही रख सकते हैं बल्कि आप अपने बच्चों को सबसे अनमोल ज्ञान भी दे सकते हैं ।

अगर किसी को कोई भेंट देनी हो  तो सर्वश्रेष्ठ भेंट दे - अच्छे स्वास्थ् की।

बेसिक जानकारी जो हर व्यक्ति को होनी चाहिए-
जैसा की आप जानते हैं की हमारा शरीर बड़ा जटिल है और इसे कोई समझना नहीं चाहता न ही समझ सकता है इस प्रकार की सोच ही हमें अच्छे स्वस्थ शरीर के मालिक  बनने से रोक देती हैं ।इसको बड़े आसान तरीके से समझ सकते हैं-
हमारा शरीर हड्डी , मांस और खून से बना है पर ये तीनो चीजे भी किसी और चीज से बनी होंगी ?
हमारे शरीर में करीब 63 ट्रिलियन से 100 ट्रिलियन कोशिकाएँ है ,ये ही हमारे शरीर की सबसे छोटी इकाई है ।
कुछ खास तरीके  की कोशिकाओं  या cells से एक खास प्रकार के  ऊतक या tissue बनते हैं और इन खास टिश्यू या उतकों से कोई खास अंग या ऑर्गन बनता है। इस प्रकार बहुत से अंगों या ओर्गन्स से शरीर का सिस्टम बनता है और इसी ऑर्गन सिस्टम से शरीर बनता है।
ये अलग अलग अंग अपना अपना खास काम करते हैं ।एक अंग दूसरे अंग का काम नहीं कर सकता है और
इन अंगों को काम करने के लिए ऊर्जा चाहिए ।ये ऊर्जा या एनेर्जी  मिलती है हमें भोजन , पानी और हवा यानी ऑक्सिजन से। पर ये तीनो शुद्ध यानी बगैर मिलावट की चाहिए।

क्या आपको लगता है की तीनो चीजे शुद्ध हैं ?

तीनो चीजे अब प्रदूषित हो चुकी हैं ये अब कोई रहस्य नहीं है।
ये प्रदुषण जो हमारे भोजन ,पानी और हवा में मिला हुआ है जिसको फ्री रेडिकल या ऑक्सीडेंट के नाम से जानते हैं ,शरीर में जाकर cell को डेमेज कर देता है और कमजोर cell अपने काम अब पूरी शक्ति से नहीं कर पाता जिससे उन cell से  बना टिश्यू भी कमजोर होकर अपने अंग को भी कमजोर कर देता है।
कमजोर अंग भी अपने काम भी शक्ती से नहीं कर सकता और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती है।
इन सब cell को अपने ऊर्जा के लिए पौष्टिक तत्व चाहिए होते हैं ,जिसके लिए पौष्टिक भोजन खाने की सलाह दे जाती है ।
हमारे शरीर को रोजाना 46 प्रकार के पैष्टिक तत्व चाहिए होते हैं।
बहुत ही कम  लोंगों ही को इनके बारे पूरा पता होता है की हमें ये 46 पैष्टिक तत्व बिटामिन ,खनिज,प्रोटीन ,वसा , कारबोहाईड्रेट्स,फाइबर और पानी के रूप में मिलते हैं।ये सारे हमारे भोजन में रोजाना चाहिए और उचित मात्रा में भी ये भी हमें मालूम है की कितनी मात्रा मे ये सभी हमारे भोजन में शामिल हैं ।जबकि सच्चाई तो ये की हम अपने प्रतिदिन के भोजन में इन पौष्टिक तत्वों की जगह स्वाद को पसंद करते हैं ।
इन प्रदूषित भोजन ,पानी ,हवाऔर  पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण ही 99% स्वास्थ की समस्याये होती है।
ये तो आप जानते है की प्रदूषित भोजन ,हवा और पानी पर हमारा तो कंट्रोल रहा ही नही बल्की government का भी कॉंट्रोल नहीं रहा है ।

अब आप ये भी जान ले की ये प्रदुषण -फ्री रेडिकल या ओक्सिदेंट्स जो हमारे भोजन ,पानी और हवा में जा रहा है ,ये हमारे cell को डिस्टर्ब करके उसी प्रकार नष्ट कर देते हैं जैसे जंग लोहे को।
जिस प्रकार लोहे को जंग से बचने की लिए पेंट  काम करता है ठीक उसी प्रकार इन फ्री रेडिकल ये ओक्सिदेंट्स को निष्प्रभावी करने के लिए प्रकृति ने अपने आप सिस्टम बना रखा है एंटी ओक्सिदेंट्स के रूप में जो हमारे भोजन , हवा और पानी में मिलते हैं । ये एंटी ऑक्सीडेंट जितने ज्यादा हमारे भोजन में होंगे उतने ही कम  हमारे शरीर पर इन फ्री रेडिकल्स के असर होंगे ।
इसीलिए तो आपके डॉक्टर आपको भोजन में वेरायटी बढ़ाने के लिए कहते हैं।
आपके भोजन में जतनी  ज्यादा वेरायटी होगी आप उतने ही ज्यादा सक्षम होंगे इन फ्री रेडिकल्स से मुकाबला करने में यानी आपका शरीर पहलवान जैसा ताकतवर होगा जिससे उलझने में कोई भी पसंद नहीं करेगा।
आप न केवल  छोटी मोटी बीमारियों से बचे रहेंगे बल्कि बड़ी गंभीर बीमारियों से  सुरक्षित रहेंगे ।
अब बात आती है एंटी ऑक्सीडेंट की दैनिक मात्रा की।
आप जानते है की हमारे  दैनिक भोजन पानी हवा में एंटी ओक्सिडेंट्स होते ही हैं पर प्रदूषित होने के कारण एंटी ओक्सिदेंट्स की मात्रा कम हो जाती है और साथ ही साथ जरुरत के एंटी ओक्सिदेंट्स भी नहीं मिल पाते। इस प्रकार शरीर में फ्री रेडिकल की मात्रा ज्यादा यानी ताकतवर और उनको हराने वाले  एंटी ओक्सिदेंट्स की मात्रा कम रहती है। जिसके कारण हम अक्सर बीमार पड़ते हैं ।
भोजन पानी हवा में शामिल  फ्री रेडिकल्स से हम  बच् नहीं सकते है । बस एक ही तरीका है  उचित मात्रा में एंटी ओक्सिदेंट्स।
तो शामिल कीजिये अपने दैनिक भोजन में एंटी ओक्सिदेंट्स से भरपूर अनाज,सब्जिय्यां,फल,मेवे और रखिये स्वयं और अपने परिवार को स्वस्थ।

अगर मेरा ये लेख आपको पसंद आया तो जरूर अवगत कराएं।

आपका और आपके परिवार के सम्पूर्ण स्वास्थ की मंगलकामनाओं के साथ-
रविन्द्र भट्ट 

Oct 9, 2015

Health and Wealth works like our two legs| सेहत और दौलत दो पैरों के समान हैं ।

हर इंसान अपने दोनों पैरो 👢👢पर खड़ा होता है और चलता है।
काफी देर तक चल सकता है। कितनी देर तक यह उसकी शारीरिक और मानसिक ताकत पर डिपेंड करता है।
लेकिन एक या दोनों  पैर कमजोर हो
तो कितनी देर तक ?
इसी प्रकार व्यक्ति का जीवन भी दो चीजों पर खड़ा होता है -उसका तन- मन   और आर्थिक स्वास्थ।
अगर तन -मन और फिनेंशल स्वस्थता दोनों या कोई एक कमजोर हो तो क्या उस व्यक्ति का जीवन स्वस्थ और दीर्घायु होगा ?
जीवन के शुरुवाती पड़ाव में एजुकेशन  में अच्छे स्वास्थ और फाइनेंस के बारे में कोई प्रेक्टिकल ज्ञान नहीं मिलता।अगर मिलता तो आज इतनी बीमारिया नहीं होती और आर्थिक स्वतन्त्रता भी होती ।
ज्यादातर लोग स्वस्थ को नजरअंदाज कर रहे है अपने जॉब,बिजनैस के काम के दवाब के कारन और जब उम्र थोड़ी बढ़ जाती है तो हेल्थ की प्रोबम भी बढ़ चुकी होती हैं।
अब कमाए हुए धन को बीमारी के इलाज में लगाना मजबूरी हो जाती है।
ये बीमारी कोई रातों रात तो आयी नहीं थीं।
थोड़ा थोड़ा कर ही बीमारी बड़ी होती है।
तो क्या चीज थी बीमार करने वाली?

हमारा शरीर अरबों  cells से मिलकर बनता है। हर सेकंड करोड़ों cell बनती हैं करोड़ों cell मरती रहती हैं।
cell से tissue बनते हैं और कई tissues से  ऑर्गन यानी अंग बनते हैं।
ऑर्गन सिस्टम से हमारा शरीर बनता है।
आपका  स्वास्थ कैसा होगा यह निर्भर करता है की आपके सेल्स  की हेल्थ कैसी है।
cell बनाने के लिए चाहिए 46 प्रकार के पोस्टिक तत्व जिनको बीटामिन्स,खनिज, प्रोटीन , कार्बोहाईड्राट्स,वसा,फाईबर  और जल के नामों से जानते हैं।

ये सारे तत्व हमें भोजन ,पानी और हवा से मिलते हैं।
क्या ये तीनों चीजे शुद्व हैं?
ये अब सबको पता है की ये तीनो प्रदूषित हो चुकी हैं ।
ये प्रदूषित भोजन, पानी और हवा हमारी cell को डैमेज कर देती हैं और हमारा भोजन भी पोस्टिक तत्वों से परिपूर्ण नहीं होता है।
हमारा ध्यान भोजन के स्वाद पर होता है न की शरीर की जरुरत के पोस्टिक तत्वों पर।
तो अब हमारे cell जो डैमेज हैं  अपना काम नहीं कर पाते और tissue भी कमजोर और बीमार हो जाते हैं। नतीजा अंग भी पूरी तरीके से काम नहीं कर पाते और बीमार हो जाते है।
जिसको हम बीमारी का नाम देते हैं।
आज जो भी इलाज हो रहा है वह कारण का इलाज नहीं करता बल्कि और भी नयी बीमारी भी आ जाती है।

99% बीमारियां केवल 2 टाइप से होती हैं-

1- प्रदूषित भोजन ,हवा और पानी , जिस हमारा कोई कण्ट्रोल नहीं है।

2- पौष्टिक तत्वों की हमारे भोजन में कमी।

इन सब से बचा जा सकता है


प्रदूषित भोजन , हवा ,पानी से हम अपने cell को डैमेज होने से बचा सकते हैं।

कैसे?

जो भी प्रदुषण हमारे शरीर में जाता है उसे फ्री रेडिकल या ऑक्सीडेंट बोलते हैं। ये ऑक्सीडेंट ही तो बीमारी का कारन बनते हैं ।
प्रकृति ने इसका इलाज पहले ही निकल रखा है एंटी ऑक्सीडेंट के रूप में।

इसको इस प्रकार समझ सकते हैं जैसे लोहे की कोई चीज आपने घर के बाहर खुले में रख दी है तो उस पर जंग तो लगेगा ही। उसको जंग सइ बचाने का एक ही तरीका है -पेंट ।
पेंट लगाने से वो स्जिज जंग से बच जॉएगी।
उसी प्रकार हमरे शरीर को ऑक्सीडेंट से बचाने के लिए प्रकृति ने एंटी इक्सीडेंट्स दे रखे है हर प्रकार के फल, सब्जी, अनाज,
दालों , दूध या इनसे बानी चीजों में।
अगर हम पौष्टिक - बैलेंस भोजन लेते हैं तो cell को भरपूर एंटी ऑक्सीडेंट मिल जायेंगे और cell डैमेज होने  से बच जायेंगे। या जो डैमेज हो चूका है उसको रिपेयर करेगा।
हमारे भोजन में जितने ज्यादा एंटी ऑक्सीडेंट होंगे हम उतने ही ज्यादा निरोग व लंबी उम्र वाले होंगे।

पर यहाँ एक और समस्या आ जाती है-

जो भोजन हम डेली ले रहे हैं  उसमें इतने एंटी ऑक्सीडेंट तो है ही नहीं ,ऊपर से मिलावट।
जितने एंटी ओसिडेंट बॉडी को चाहिए उतने नहीं मिल पाते और cell को फुल पॉवर नहीं मिल पाती।
अगर हम अपने भोजन में एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा नहीं बड़ा सकते तो एक्स्ट्रा एंटी ऑक्सीडेंट तो दे सकते है।

ये एडिशनल या एक्स्ट्रा ऑक्सीडेंट मिलते हैं -
फ़ूड सप्प्लिमेंट्स  या हेल्थ सप्प्लिमेंट्स के रूप में।
इनको डेली अपने भोजन के रूप में लेने से शरीर को भरपूर पौष्टिक तत्व और एंटी ऑक्सीडेंट मिल जाते हैं।

इनको निरंतर लेने से
डेमेज्ड सेल की  मरम्मत होती है और tissue ,ऑर्गन भी  स्वस्थ हो जाते है।
अगर कोई बीमारी है तो इस प्रकार के सम्पूर्ण भोजन से बीमारी दूर हो जाती है और लगातार लेते रहने से कभी बीमारी नहीं  आएगी।

जो व्यक्ति स्वस्थ है और हमेशा स्वस्थ रहना चाहता है  या जो व्यक्ति बीमार है उसको  अपनी हेल्थ को ओके करने ले लिए एंटी ऑक्सीडेंट वाले फ़ूड सप्प्लिमेंट्स या हेल्थ सप्लीमेंट्स जरूर लेने  चाहिए।

स्वस्थ जीवन ही सुखी जीवन है।

हर इंसान की कामना भी है ।

आपके सम्पूर्ण स्वास्थ की मंगल कामनाओं के साथ आपका हितैषी

रविन्द्र भट्ट

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